खगड़िया। जिला में ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है कि गलती ऑनलाइन व्यवस्था
की है और खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पर रहा है। हालत यह है कि बिना अपराध
आयकर के आर्थिक दंड का बोझ शिक्षकों को ढोना पड़ रहा है।
विभागीय सूत्रों की मानें तो सर्व शिक्षा अभियान से वेतनादि पाने वाले शिक्षकों का तीन साल के आयकर रिटर्न की राशि वेतन से ही कट गई, परंतु ऑनलाइन नहीं हो पाया। डीपीओ के टेन नंबर से इसे ऑनलाइन होना था। डीपीओ सुरेश साहू के अनुसार पता चला है कि अब तक करीब एक सौ शिक्षकों को आयकर द्वारा आर्थिक दंड दिया गया है, जबकि सर्व शिक्षा अभियान से वेतन पाने वाले शिक्षकों की संख्या तीन सौ के करीब है। उन्होंने शिक्षकों से अपील की है कि वे जल्द ही 2013 से 2015 के बीच दिए गए आयकर कटौती का विवरण पेन नंबर के साथ उपलब्ध कराएं, ताकि बेवजह बढ़ रही शिक्षकों की परेशानी के निदान को लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ सके। मालूम हो कि कई शिक्षकों ने डीपीओ को बताया कि वे अपने वेतनादि से आयकर रिटर्न भरते रहे हैं, बावजूद किसी को चार हजार तो किसी को 12 हजार आर्थिक दंड का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
विभागीय सूत्रों की मानें तो सर्व शिक्षा अभियान से वेतनादि पाने वाले शिक्षकों का तीन साल के आयकर रिटर्न की राशि वेतन से ही कट गई, परंतु ऑनलाइन नहीं हो पाया। डीपीओ के टेन नंबर से इसे ऑनलाइन होना था। डीपीओ सुरेश साहू के अनुसार पता चला है कि अब तक करीब एक सौ शिक्षकों को आयकर द्वारा आर्थिक दंड दिया गया है, जबकि सर्व शिक्षा अभियान से वेतन पाने वाले शिक्षकों की संख्या तीन सौ के करीब है। उन्होंने शिक्षकों से अपील की है कि वे जल्द ही 2013 से 2015 के बीच दिए गए आयकर कटौती का विवरण पेन नंबर के साथ उपलब्ध कराएं, ताकि बेवजह बढ़ रही शिक्षकों की परेशानी के निदान को लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ सके। मालूम हो कि कई शिक्षकों ने डीपीओ को बताया कि वे अपने वेतनादि से आयकर रिटर्न भरते रहे हैं, बावजूद किसी को चार हजार तो किसी को 12 हजार आर्थिक दंड का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।