पटना : प्रकाश पर्व को लेकर पटना के सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं. कोई भी शिक्षक इस दौरान छुट्टी नहीं ले सकते हैं. इसका आदेश जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से किया गया है. प्रकाश पर्व को लेकर स्कूल बंद हो चुका है.
वहीं, पटना जंक्शन से सोमवार की सुबह पहली बार प्रकाशोत्सव स्पेशल ट्रेन पटना साहिब होते हुए पटना घाट स्टेशन पहुंची. जिसको लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह दिखा.
जिन स्कूलों में प्रकाश पर्व को लेकर श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की गयी है, उन स्कूलों को नौ जनवरी को खोला जायेगा. वहीं जिन स्कूलों में श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था नहीं की गयी है, वे स्कूल दो जनवरी से खुल जायेंगे. वैसे तीन से पांच तक पटना के सभी स्कूल बंद रहेंगे. मालूम हो कि शहर के 75 स्कूलों में श्रद्धालुओं के ठहरने का इंतजाम किया गया है.
प्रकाशोत्सव स्पेशल ट्रेन पहुंची पटना घाट
पटना जंक्शन से सोमवार की सुबह पहली बार प्रकाशोत्सव स्पेशल ट्रेन पटना साहिब होते हुए पटना घाट स्टेशन पहुंची. जिसको लेकर लाेगों में जबरदस्त उत्साह दिखा. यह पहली बार है जब पटना घाट स्टेशन पर कोई यात्री ट्रेन पहुंची है. इससे पहले 1960 के दशक में मालगाड़ी यहां तक आती थी. कभी मारुफगंज मंडी एशिया की सबसे बड़ी मंडी थी और उस दौरान यहां से माल उतारा चढ़ाया जाता था. आज जब पहली बार ट्रेन पहुंची तो लोगों में गजब का उत्साह दिखा. जो बोले से निहाल सत श्री अकाल के नारे लगाये जा रहे थे.
वहीं, पटना जंक्शन से सोमवार की सुबह पहली बार प्रकाशोत्सव स्पेशल ट्रेन पटना साहिब होते हुए पटना घाट स्टेशन पहुंची. जिसको लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह दिखा.
जिन स्कूलों में प्रकाश पर्व को लेकर श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की गयी है, उन स्कूलों को नौ जनवरी को खोला जायेगा. वहीं जिन स्कूलों में श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था नहीं की गयी है, वे स्कूल दो जनवरी से खुल जायेंगे. वैसे तीन से पांच तक पटना के सभी स्कूल बंद रहेंगे. मालूम हो कि शहर के 75 स्कूलों में श्रद्धालुओं के ठहरने का इंतजाम किया गया है.
प्रकाशोत्सव स्पेशल ट्रेन पहुंची पटना घाट
पटना जंक्शन से सोमवार की सुबह पहली बार प्रकाशोत्सव स्पेशल ट्रेन पटना साहिब होते हुए पटना घाट स्टेशन पहुंची. जिसको लेकर लाेगों में जबरदस्त उत्साह दिखा. यह पहली बार है जब पटना घाट स्टेशन पर कोई यात्री ट्रेन पहुंची है. इससे पहले 1960 के दशक में मालगाड़ी यहां तक आती थी. कभी मारुफगंज मंडी एशिया की सबसे बड़ी मंडी थी और उस दौरान यहां से माल उतारा चढ़ाया जाता था. आज जब पहली बार ट्रेन पहुंची तो लोगों में गजब का उत्साह दिखा. जो बोले से निहाल सत श्री अकाल के नारे लगाये जा रहे थे.