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शिक्षक भर्ती घोटाला: जो फेल थे उन्हें भी दिखा दिया था पास, जिन्होंने बीटीईटी का फार्म नहीं भरा वह बन गए शिक्षक

 पटना. बीटीईटी 2011 शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में निगरानी की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। सिर्फ अंकों के हेरफेर का ही मामला नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार प्रमाणपत्रों के साथ छेड़छाड़ की बात भी है। दलालों और बिहार बोर्ड में बैठे शातिरों ने ऐसे लोगो को भी शिक्षक बना दिया, जिन्होंने पात्रता परीक्षा ही नहीं दी। बेगूसराय से गिरफ्तार चार शिक्षिकाओं में से तीन के बारे में ऐसी ही जानकारी सामने आई है। 

 

किसी दूसरे ने दी परीक्षा: शिक्षिका पूजा भारती, श्वेता और मंजू पात्रता परीक्षा में शामिल ही नहीं हुई थीं। इन तीनों के साथ कई को दूसरे अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी की जगह उत्तीर्ण दिखाकर शिक्षक बना दिया गया। शातिरों ने ऐसे-ऐसे अभ्यर्थियों को पास दिखाया, जो पेपर वन में पास ही नहीं हुए थे। ऐसे 14 शिक्षकों के विरुद्ध नामजद और कुछ अज्ञात के विरुद्ध निगरानी की टीम ने बेगूसराय के डंडारी थाने में जांच के बाद मामला दर्ज कराया था। निगरानी के एक सीनियर अधिकारी की माने तो हर जिले में ऐसी बहाली हुई है। बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है। 

 

ज्ञांती ने दी पात्रता परीक्षा, अनु बन गई शिक्षिका: निगरानी की रिपोर्ट दलालों के साथ बोर्ड कर्मियों के मिलीभगत से मची अंधेरगर्दी को उजागर करता है। निगरानी और बोर्ड की जांच में सामने आया कि अनु नाम की शिक्षिका ने पात्रता परीक्षा ही नहीं दी थी। जिस रोल नंबर पर उसे पास दिखाया गया, वह ज्ञांती कुमारी का था। ज्ञांती को पेपर वन में मात्र 43 अंक आए थे। लेकिन, उसे बदल कर ज्ञांती की जगह अनु को दिखा दिया गया और पेपर वन में उसके मार्क्स 85 कर दिए गए। जेल में बंद शिक्षिका पूजा भारती (रोल नं- 0524110964) भी पूनम कुमारी की जगह नियोजित की गई। पूनम पात्रता परीक्षा में शामिल ही नहीं हुई थी। वहीं मंजू ने फाॅर्म भी नहीं भरा और उसे नियोजित कर दिया गया। मंजू, राधा कुमारी के रोल नंबर (0524118251) पर नियोजित हुईं, जबकि राधा परीक्षा में उपस्थित ही नहीं हुई। कोतवाली थाने की पुलिस श्वेता को भी गिरफ्तार कर चुकी है। श्वेता (रोल नं- 0512110481) पात्रता परीक्षा नहीं दी थी, लेकिन फर्जी तरीके से उसे भी शिक्षक बनाया गया था। श्वेता को गुंजन के रोल नंबर पर नियोजित किया गया था।  

 

पेपर वन में आया 41, फर्जीवाड़ा कर दिखाया 108 नंबर: ऐसे कई कैंडीडेट हैं, जो पात्रता परीक्षा पास ही नहीं किए और उन्हें नियोजित कर दिया गया। अभिनंदन कुमार रोल नंबर 0501110355 डंडारी प्रखंड में नौकरी कर रहे थे। जांच से यह खुलासा हुआ कि अभिनंदन को पेपर वन में मात्र 41 अंक आए थे। इसे शातिरों ने बदलकर 108 कर दिया। अभिनंदन फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। इसी तरह ममता कुमारी पात्रता परीक्षा में सफल नहीं हुई, लेकिन वह नौकरी कर रही थी। उसे पेपर वन में 108 मार्क्स दिखाया जा रहा था।  निगरानी की जांच रिपोर्ट में कई तथ्य दिए गए हैं। निगरानी की रिपोर्ट कहती है कि बोर्ड से लेकर जिला स्तर पर कई जगहों पर चूक हुई है।

 

मोटी रकम लेकर अमितेश ने डाटा बदलकर फेल को कर दिया पास:  शिक्षक भर्ती घोटाले में अभिलेखागार प्रभारी जटाशंकर और सहायक प्रोग्रामर अमितेश से रिमांड पर पूछताछ चल रही है। रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद उसे शनिवार को जेल भेज दिया जाएगा। शुरुआती पूछताछ में दोनों ने पुलिस को खूब बरगलाया। काफी देर तक अमितेश पुलिस को कंप्यूटर का गलत पासवर्ड की बताता रहा। बाद में उसने बताया कि उसे आईटी सलाहकार अर्जुन से पासवर्ड मिला था। साथ ही प्रोग्रामर अरविंद के बारे में भी उसने कई बात पुलिस को बताई। जांच में पता चला कि अमितेश दलालों के संपर्क में था। वह बोर्ड के बिचौलिए के कहने पर मोटी रकम लेकर डाटा में हेरफेर करता था।

 

अर्जुन और सुजीत से हुई पूछताछ : अमितेश के खुलासे के बाद पुलिस ने अर्जुन को हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद फिलहाल छोड़ दिया गया। अमितेश के मुताबिक उसे अर्जुन ने ही पासवर्ड दिया था। अर्जुन ने पुलिस के समक्ष स्वीकार भी किया। वहीं गोपालगंज के सुजीत को हिरासत में लेकर पुलिस अब भी पूछताछ कर रही है।  रंजीत और अरविंद की तलाश तेज :  इधर, जटाशंकर ने पूछताछ में बताया कि अरविंद और रंजीत मिश्रा भी इस काम में उसका सहयोग करते थे। रंजीत के पास कई प्रभागों की चाभी रहती थी। ऐसे में उसकी संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। पुलिस रंजीत और अरविंद की तलाश में छापेमारी कर रही है। बेगूसराय के दलाल दीपक और मुकेश की तलाश में एक टीम को बेगूसराय भेजा गया है।

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