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बिहार के 42000 गुरु निकले गुरु घंटाल, फर्जी सर्टिफिकेट से पाई है नौकरियां; 4000 शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही शुरू

 Bihar Teacher Recruitment: बिहार में शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितता का मामला सामने आया है, जहां शुरुआती जांच में 4,000 शिक्षकों के फर्जी दस्तावेज मिले हैं. शिक्षा विभाग की जांच में 24,000 शिक्षकों पर शक है, जिनकी नौकरी जा सकती है. लेकिन, कुल 42,000 मास्टर साहब रडार पर हैं. मामला CTET परीक्षा में कम अंक लाने वाले शिक्षकों से जुड़ा है. इनमें से अधिकतर शिक्षकों ने CTET परीक्षा में जरूरी न्यूनतम अंक भी हासिल नहीं किए हैं. शिक्षा विभाग मामले की गहन जांच कर रहा है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा.

बिहार में शिक्षक भर्ती घोटाला?

बिहार में शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आया है. जांच में 4000 शिक्षक फर्जी पाए गए हैं. इन शिक्षकों ने फर्जी प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया है और CTET में कम अंक होने के बावजूद नौकरी हासिल की है. सरकार ने दोषी शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है. 24 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नौकरी खतरे में है. बिहार में शिक्षक बनने के लिए CTET पास करना जरूरी है. CTET में 60% से कम अंक लाने वालों को शिक्षक बनने के योग्य नहीं माना जाता है। लेकिन बिहार में 4000 से ज्यादा ऐसे शिक्षक मिले हैं, जिनके CTET में 60% से कम अंक हैं। इनमें से कई शिक्षकों के CTET में 50% से भी कम अंक हैं।

शिक्षक भर्ती में धांधली का मामला सिर्फ CTET के अंकों तक सीमित नहीं है। जांच में यह भी पता चला है कि कई शिक्षकों ने नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और विकलांगता प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया है। कुछ शिक्षकों ने तो खेल कोटे के तहत भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की है।

बिहार के 42 हजार शिक्षक रडार पर

शिक्षक भर्ती घोटाले में 24 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। इन शिक्षकों के एक से ज्यादा प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इन सभी शिक्षकों की दोबारा जांच कराई जाएगी। अगर इस जांच में भी उनके प्रमाण पत्रों के बारे में सही जानकारी नहीं मिलती है तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। विपक्षी दलों ने इस मामले में सरकार पर निशाना साधा है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

शिक्षा मंत्री ने कहा है कि दोषी शिक्षकों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा व्यवस्था को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। योग्यता परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के दौरान भी बड़े पैमाने पर धांधली पाई गई है। काउंसलिंग के पहले चरण में ही 96 शिक्षकों के अंकपत्र फर्जी पाए गए थे, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।

काउंसलिंग में पकड़े गए फर्जी शिक्षक

1 अगस्त से 13 सितंबर तक हुई काउंसलिंग में 1.87 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इस दौरान 42 हजार शिक्षकों की काउंसलिंग नहीं हो सकी और 3 हजार से अधिक शिक्षक अनुपस्थित रहे। इसके अलावा 42 हजार में से 10 हजार से अधिक शिक्षकों का बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं हो सका। जिन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग नहीं हो सकी, उन्हें छठ पर्व के बाद दोबारा काउंसलिंग का मौका दिया जाएगा।

सीतामढ़ी जिले में चल रही शिक्षक नियुक्ति जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिले में कार्यरत 7 शिक्षक फर्जी पाए गए हैं। इन शिक्षकों के खिलाफ जालसाजी, साक्ष्य छिपाने और अन्य गंभीर धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार इन शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता से संबंधित दस्तावेजों में गंभीर खामियां पाई गई थीं, जिसके संदेह पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उन्हें मूल दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया था। लेकिन बार-बार नोटिस के बावजूद शिक्षक इन दस्तावेजों को जमा करने में विफल रहे।

शिक्षा विभाग की ओर से कराई गई गहन जांच में पाया गया कि इनमें से अधिकांश शिक्षकों के अंकपत्र, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र फर्जी हैं। इतना ही नहीं, कुछ शिक्षकों के योग्यता परीक्षा पास करने के दावे भी संदिग्ध पाए गए।

विश्वविद्यालय से कराया जा रहा है दस्तावेज सत्यापन

योग्यता परीक्षा पास करने वाले हजारों शिक्षकों की काउंसलिंग के दौरान कई शिक्षकों के दस्तावेजों में अनियमितताएं पाई गई हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग इन शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच संबंधित विश्वविद्यालयों से करा रहा है। साथ ही, इन शिक्षकों द्वारा दिए गए अनुभव प्रमाण पत्रों की सत्यता की भी जांच कराई जा रही है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में अभी 40 हजार से अधिक शिक्षकों की काउंसलिंग लंबित है। इन शिक्षकों की काउंसलिंग नवंबर में कराए जाने की संभावना है। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षकों के स्थानांतरण के समय उनके सभी शैक्षिक योग्यता संबंधी दस्तावेज, फोटो, निवास और जाति प्रमाण पत्रों का बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण आधारित आधार कार्ड से मिलान किया जाएगा। साथ ही, उनके अंगूठे के निशान भी जांचे जाएंगे। सभी अभिलेख सेवा पुस्तिका में दर्ज किए जाएंगे और डिजिटल सेवा पुस्तिका बनाकर उसे ऑनलाइन किया जाएगा।

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