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 पटना: बिहार शिक्षा विभाग ने स्कूलों में प्रधानाध्यापक पद के लिए नया नियम बनाया है। इस नियम के तहत अब बीपीएससी शिक्षकों को नियोजित शिक्षकों से अधिक प्राथमिकता मिलेगी। यानी अब स्कूलों में हेडमास्टर की जिम्मेदारी बीपीएससी शिक्षकों को पहले दी जाएगी। शिक्षा विभाग के इस फैसले से उन नियोजित शिक्षकों पर असर पड़ेगा जो अभी प्रभारी प्रधानाध्यापक के तौर पर काम कर रहे हैं। बिहार में ऐसे बहुत से नियोजित शिक्षक हैं जो हेडमास्टर का काम देख रहे हैं।


नियोजित शिक्षकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी नहीं

दरअसल, शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में साफ कहा है कि अब किसी भी नियोजित शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक नहीं बनाया जाएगा। अगर किसी स्कूल में परमानेंट हेडमास्टर नहीं हैं, तो पुराने वेतनमान वाले शिक्षक को ही यह जिम्मेदारी दी जाएगी। नए नियम के मुताबिक, अगर एक से अधिक पुराने वेतनमान वाले शिक्षक हैं तो सबसे सीनियर शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा। इसका मतलब साफ है कि अब नियोजित शिक्षकों को इस पद से हटा दिया जाएगा।

पुराने वेतनमान वाले शिक्षक को ही बनाया जाएगा प्रभारी प्रधानाध्यापक

बताया जा रहा है कि इस बाबत विभाग का आदेश जारी हो गया है और सभी अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। इसमें स्पष्ट कहा गया कि नियोजित शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। किसी भी स्कूल में अगर स्थायी प्रधानाध्यापक नहीं हैं तो पुराने वेतनमान वाले शिक्षक को ही प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा।

प्रधानाध्यापक नियुक्ति के लिए क्या है गाइडलाइन

  • अगर किसी माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूल में पुराने और नए, दोनों तरह के वेतनमान वाले शिक्षक हैं तो पुराने वेतनमान वाले शिक्षक को प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा। लेकिन यह नियम तभी लागू होगा जब स्कूल में स्थानीय निकाय और BPSC, दोनों के द्वारा नियुक्त शिक्षक हों।
  • अगर स्कूल में कक्षा एक से आठ तक के पुराने वेतनमान वाले शिक्षक हैं और उनके साथ स्थानीय निकाय या BPSC से नियुक्त शिक्षक भी हैं तो पुराने वेतनमान वाले शिक्षक को वित्तीय प्रभार दिया जाएगा।
  • ऐसे स्कूल जहां सिर्फ स्थानीय निकाय के शिक्षक हैं, वहां वरिष्ठ स्थानीय निकाय शिक्षक ही प्रभारी प्रधानाध्यापक होंगे। ठीक इसी तरह, अगर किसी स्कूल में केवल BPSC द्वारा नियुक्त शिक्षक हैं तो उन्हें ही प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा।
  • अगर किसी स्कूल में BPSC और स्थानीय निकाय, दोनों द्वारा नियुक्त शिक्षक हैं तो BPSC द्वारा नियुक्त शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा।

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