बिहार सरकार की ओर से शिक्षकों के लिए किए जा रहे 15 फीसदी वेतन बढ़ोतरी की कार्यशैली पर टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट ने सवाल उठाया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा है कि ऑनलाइन कैलकुलेटर से न ही वेतन विसंगति दूर हो रही है। न ही वरीय कनीय के वेतन में उचित सुधार हो रहा बल्कि उल्टे बीआरसी से लेकर जिला स्तर तक अफरा तफरी का माहौल है।
इंडेक्स-3 की बाध्यता को समाप्त करें
संघ के नेताओं ने आरोप लगाया है कि स्थानीय पदाधिकारी के मन मे जो आ रहा है उस हिसाब से वेतन निर्धारण कर रहे हैं। साथ ही नव प्रशिक्षित शिक्षकों को इंडेक्स-3 की बाध्यता में बांध देने से हजारों की संख्या में शिक्षकों को प्रतिमाह हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है। इसलिए विभाग से मांग करते हैं कि वह इंडेक्स-3 की बाध्यता को समाप्त करे।
वहीं विभाग के द्वारा निर्गत पत्र के अनुरूप वरीय शिक्षकों के वेतन को कनीय के समकक्ष या उससे ज्यादा निर्धारित करें जैसे कि स्नातक ग्रेड के शिक्षकों का वेतन बेसिक ग्रेड से ज्यादा निर्धारित हो। ठीक उसी प्रकार से उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों का शिक्षकों का वेतन माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों से अधिक निर्धारित किया जाए।
एरियर का भुगतान शीघ्र हो
संघ के प्रदेश सचिव शाकिर इमाम और नाजिर हुसैन ने बताया कि पीएफएमएस के कारण विभिन्न जिलों में शिक्षकों का वेतन अवरुद्ध है जिस पर विभाग संज्ञान ले और शीघ्र अवरोध को दूर करते हुए नवंबर- दिसंबर के वेतन व नवप्रशिक्षित शिक्षकों का एरियर भुगतान शीघ्र सुनिश्चित हो।