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वेतन का इंतजार कर रहे शिक्षकों की सुनिए:'सरकार, कोरोना हुआ तो दवा के लिए नहीं है पैसा, आवंटन हुआ लेकिन ऑफिस बंद, विशेष आदेश दें'

 नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों पर महामारी के बाद अब लॉकडाउन भारी पड़ा है। प्रदेश के लगभग 4 लाख नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को आवंटन के अभाव में 3 माह से वेतन नहीं मिला है। पिछले दिनों सरकार ने इन शिक्षकों के लिए आवंटन तो जारी कर दिया था लेकिन अब लॉकडाउन में सभी कार्यालयों को बंद करने के आदेश के बाद अब सैलरी पर संकट है। ऐसी स्थिति में शिक्षक संगठनों ने शिक्षा मंत्री और विभाग के प्रमुख सचिव से विशेष आदेश की मांग की है। इसके लिए ईद का हवाला भी दिया गया है कि पर्व से पहले भुगतान किया जाए।

भत्ते के साथ वेतन का भुगतान

आल इंडिया फेडरेशन ऑफ एजुकेशन एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से विशेष निर्देश जारी कर ईद से पहले वेतन भुगतान कराने की मांग की है। एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव शैलेन्द्र कुमार शर्मा एवं राज्य पार्षद सह पूर्व सदस्य, शैक्षिक परिषद जयनंदन यादव ने साथ ही कहा है कि इंटर और मैट्रिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों, शिक्षकेत्तर कर्मियों आदि को अविलंब पारिश्रमिक सहित अन्य भत्ते की राशि भुगतान की जाए।

कोरोना काल में 250 से अधिक शिक्षकों की मौत

शिक्षक संगठनों का कहना है कि राज्य में वैश्विक महामारी भयावह हो रही है। बिहार में शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष एवं शिक्षकेतर कर्मी भी संक्रमण से प्रभावित हुए हैं। इससे उनके परिजन भी लागतार संक्रमित हो रहे हैं। अब तक लगभग 250 से अधिक ने अपनी जान गंवा दी है। शिक्षकों को खुद और अपने परिजनों के भरण-पोषण, इलाज कराना मुश्किल हो रहा है। आज शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है। इस विकट परिस्थिति में परिवार के भरण-पोषण के साथ साथ उनके अपने और परिजनों के इलाज में समस्या आ रही है।

वेतन लंबित है और कार्यालय बंद

सरकार ने पंचायती राज एवं नगर निकायों के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लंबित वेतन भुगतान का आवंटन जारी कर दिया है लेकिन इसी बीच लॉकडाउन की भी घोषणा कर दी गई है। जिसके अंतर्गत सभी सरकारी कार्यालयों को भी बंद करने का निर्देश दिया गया है। रमजान का मुबारक महीना चल रहा है और 13 मई को पवित्र ईद का पर्व भी है। लेकिन शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में सरकार द्वारा आवंटन देने के वाबजूद भी कार्यालय बंद रहने के कारण वेतन नहीं मिल सकेगा।

राज्य पार्षद सह पूर्व सदस्य शैक्षिक परिषद जयनंदन यादव ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के आदेश पर सभी शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों ने कोरोना संक्रमण काल में ही पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। इससे बिहार बोर्ड एक बार फिर देश भर में सबसे पहले रिकॉर्ड कायम करते हुए परीक्षा परिणाम घोषित किया लेकिन अभी तक पैसा नहीं दिया गया है। पारिश्रमिक सहित अन्य भत्ते की राशि का भुगतान ना करना खेदजनक है।

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