राज्य भर में पदस्थापित कुल 3,23,000 नियोजित शिक्षकों में से 66,104 नगर पंचायत प्रखंड शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए आवंटन जारी कर दिया गया है। यह राशि राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली (जीओबी) मद की है। कुल 862 करोड़ 36 लाख 26 हजार 692 रुपए जारी किए गए हैं।
राज्य के शेष 2 लाख 56 हजार 896 नियोजित शिक्षकों और 15000 उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में पदस्थापित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए आवंटन अभी नहीं किया गया है। इन शिक्षकों का 3 से 4 महीने का वेतन बकाया है। इन्हें समग्र शिक्षा अभियान (SSA) मद से वेतन का भुगतान होता है।
सरकार को ईंद की भी परवाह नहीं
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार और राज्य प्रवक्ता प्रेमचंद ने इसपर आपत्ति जताई है। कहा है कि कोरोना वायरस के फैलने से अब तक सैकड़ों शिक्षकों ने जान गवाई है। 3-4 महीने से वेतन न मिलने के कारण उनकी स्थिति खराब हो गई है। ईद का पर्व होने के बावजूद राज्य सरकार को तनिक भी फिक्र नहीं है। शिक्षकों को कोरोना वारियर के रूप में विभिन्न जगहों पर ड्यूटी में भी लगाया गया है। सैकड़ों शिक्षक अब तक कोरोना संक्रमण के कारण अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं। सैकड़ों शिक्षक या तो अपने घरों में क्वारेंटीन हैं या अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं। उन्हें इलाज कराने में भी कठिनाई हो रही है।
संघ ने CM को लिखा पत्र
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ब्रजनंदन शर्मा ने बिहार के मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। ईद जैसे पर्व को ध्यान में रखते हुए यथाशीघ्र SSA मद की राशि का भी आवंटन करने का आग्रह किया है।
वेतन का इंतजार कर रहे शिक्षक विशेष आदेश मांग रहे
नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों पर महामारी के बाद अब लॉकडाउन भारी पड़ा है। प्रदेश के लगभग 4 लाख नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को आवंटन के अभाव में 3 माह से वेतन नहीं मिला है। पिछले दिनों सरकार ने इन शिक्षकों के लिए आवंटन तो जारी कर दिया था लेकिन अब लॉकडाउन में सभी कार्यालयों को बंद करने के आदेश के बाद अब सैलरी पर संकट है। ऐसी स्थिति में शिक्षक संगठनों ने शिक्षा मंत्री और विभाग के प्रमुख सचिव से विशेष आदेश की मांग की है। इसके लिए ईद का हवाला भी दिया गया है कि पर्व से पहले भुगतान किया जाए।