पटना: बिहार में नियोजित शिक्षकों का मामला काफी पहले से चला आ रहा है. समान काम के बदले समान वेतन इनकी मांग है. जिसे लेकर बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ रही है. इन सब के बीच साल 2005 में 24 दिसंबर ही वो तारीख है जब पटना के आर ब्लॉक चौराहे पर अपनी मांग के समर्थन प्रदर्शन कर रहे नियोजित शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था.
बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए 24 दिसंबर 2005 का दिन ऐतिहासिक एवं निर्णायक रहा है, जब प्रदर्शन कर रहे नियोजित शिक्षकों पर पुलिस-प्रशासन ने बर्बतापूर्वक लाठीचार्ज किया और आंसू गैस एवं पानी के फव्वारे छोड़े थे. इस दिन हुए घटनाओं को याद करते नियोजित शिक्षकों ने 13 वां शिक्षक संघर्ष और संकल्प दिवस के रूप में मनाया.
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पटना हाई कोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया था
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पौने चार लाख नियोजित शिक्षक बिहार सरकार के खिलाफ समान काम के लिये समान वेतन मामले में केस लड़ रहे हैं. इन नियोजित शिक्षकों को लंबे समय से समान काम समान वेतन के फैसले का इंतजार है. लेकिन अभी तक अंतिम फैसला नहीं आ सका है.
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सप्रीम कोर्ट में चल रही है सुनवाई
दरअसल इस मामले में 31 अक्टूबर 2017 को पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए नियोजित शिक्षकों के पक्ष में आदेश दे दिया था और कहा था कि नियोजित शिक्षकों को भी नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जाए. लेकिन, कोर्ट के इस फैसले के बाद बिहार सरकार खिलाफ सप्रीम कोर्ट चली गई. जिसके बाद से ये मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी तक विचाराधीन है.