पटना : जन अधिकार पार्टी
के संरक्षक पप्पू यादव ने बिहार सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने
विधायकों, विधानपार्षदों के भत्ते के साथ-साथ पूर्व विधायकों और
विधानपार्षदों के पेंशन में वृद्धि को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा
है कि मुख्यमंत्री जी ऐसा तोहफा राज्य के नियोजित शिक्षकों को क्यों नहीं
दे रहे हैं?
सांख्यिकी स्वयंसेवकों को क्यों नहीं दे रहे हैं? शिक्षा और
स्वास्थ्य पर व्यय करने के लिए धन नहीं है. किसानों, गरीबों के लिए खजाना
खाली होने का रोना रोते हैं. फिर यह किस पर लूटा रहे हैं?
मालूम हो कि पिछले मंगलवार को हुई
कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने विधायकों और विधान पार्षदों के
वेतन-भत्तों को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. साथ ही पूर्व विधायकों
व विधान पार्षदों की पेंशन में भी बढ़ोतरी का फैसला किया है. यह प्रस्ताव
शीतकालीन सत्र में विधानसभा के पटल रखे जाने की संभावना है. विधायकों व
विधान पार्षदों के मूल वेतन से लेकर रेल-हवाई यात्रा तक की राशि में
बढ़ोतरी का फैसला किया गया है. साथ ही विधायकों और विधान पार्षदों के मूल
वेतन में 33% की बढ़ोतरी की गयी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अब
विधायकों और विधान पार्षदों के मूल वेतन को 30 से बढ़ा कर 40 हजार रुपये
कर दी गयी है. इसके अलावा उन्हें लग्जरी गाड़ी खरीदने के लिए 10 से 15 लाख
रुपये अग्रिम दिये जा सकेंगे. स्टेशनरी के लिए भी 10 हजार रुपये मिलेंगे.
यही नहीं, विधायकों को 50 हजार रुपये क्षेत्रीय भत्ता भी दिया जायेगा. इसके
अलावा निजी सहायक के लिए दी जानेवाली 20 हजार रुपये की राशि बढ़ा कर 30
हजार रुपये कर दी गयी है. रेल और हवाई यात्रा के लिए सालाना राशि दो लाख
रुपये से बढ़ा कर तीन लाख रुपये सालाना करने का फैसला किया गया है. आवास
भत्ता के तौर पर 28 हजार रुपये और बिजली बिल के लिए छह हजार की जगह अब सात
हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे. पूर्व विधायकों की पेंशन भी बढ़ा दी गयी है.
इसे 25 हजार से बढ़ाकर 35 हजार रुपये प्रतिमाह करने का फैसला लिया गया गया
है.