सिटी पोस्ट लाइव : जमुई
में दाविल पंचायत में शिक्षक की बहाली में 2006 में पंचायत सचिव के
द्वारा घोर धांधली की गई है.
शिक्षक की बहाली में समस्त सदस्यों द्वारा
अभ्यार्थी का चयन किया जाता था. वही पंचायत सचिव के द्वारा 3 सदस्य मिलकर
करीब 50 से 60 अभ्यार्थी का नियोजन कर डालें. जब इस बात की सूचना एक आरटीआई
कार्यकर्ता को मिली तो आरटीआई कार्यकर्ता ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को
एक आरटीआई करके जवाब मांगा, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने पत्र के माध्यम से
जवाब देते हुए कहा कि प्रखंड कार्यालय को माओवादी द्वारा उड़ा दिया गया
है.
जिससे
सारा अभिलेख जलकर राख हो चुका है. हम सूचना देने में असमर्थ हैं. आरटीआई
कार्यकर्ता ने बताया कि संबंधित कार्य प्रखंड में होता था लेकिन सारा
अभिलेख बीआरसी में रहता था. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा मांगी गई सूचना
डाक के द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता के घर पर भेज दिया जाता है. साफ जाहिर
होता है कि 2006 में की गई शिक्षक की बहाली फर्जी तरीके से किया गया है. जो
कि पदाधिकारियों द्वारा छुपाया जा रहा है. आरटीआई कार्यकर्ता अमरजीत सिंह
ने कहा कि मैंने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से लेकर निगरानी विभाग
महानिर्देशक, निगरानी ब्यूरो तक गया.
लेकिन
इस पंचायत शिक्षक की बहाली की जांच नहीं हो पाई. जब निगरानी विभाग में यह
मामला गया था तो वहां से निगरानी विभाग की ओर से जांच करने की जगह टालमटोल
होने लगा. सिंह ने बताया कि ऐसा लगता है कि नीचे स्तर से लेकर ऊपर स्तर तक
शिक्षा एक बिकाऊ जगह बन चुका है. जहां पैसे का आदान प्रदान होता है.
शिक्षक बहाली को लेकर जांच होनी चाहिए वही पदाधिकारी वर्ग के लोग इस मामले
में पैसे लेकर मामले को दबा रहे हैं. आरटीआई कार्यकर्ता अमरजीत सिंह ने कहा
कि अगर जल्द से जल्द पंचायत शिक्षक की बहाली की जांच नहीं हुई तो वह
हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक जाकर जांच करवाएंगे.