बिहार से इस बार सीतामढ़ी जिले के उर्दू स्कूल के साइंस शिक्षक डॉ. गोपाल का पुरस्कार के लिए हुआ है। पांच सितंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विज्ञान भवन में आयोजित शिक्षक दिवस सम्मान समारोह में डॉ. गोपाल को सम्मानित करेंगे।
शिक्षा विभाग ने पूर्व की तरह इस वर्ष के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए जिलों से ऑनलाइन नाम आमंत्रित किए थे। प्राप्त आवेदनों में से छह के नाम का चयन करते हुए शिक्षा विभाग ने अपनी अनुशंसा मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी थी। जवाब में केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार समेत दूसरे राज्यों के सिर्फ एक शिक्षक को ही राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाए। पत्र में गोपाल के चयन की जानकारी भी दी गई है।
डॉ. गोपाल फिलहाल राजकीय उर्दू मध्य विद्यालय बनचौरी, डुमरा सीतामढ़ी में विज्ञान शिक्षक के रूप में पदस्थापित हैं। इसके पूर्व वह सीतामढ़ी के जगदीशपुर प्राथमिक विद्यालय में पदस्थापित थे। यहां से 2012 में उनका तबादला राजकीय उर्दू मध्य विद्यालय बनचौरी में किया गया। इस विद्यालय में पदस्थापन के बाद डॉ. गोपाल ने विज्ञान को सहज तरीके से पढ़ने और समझने की विधि पर काम किया। जिसे स्कूल और बच्चों ने काफी सराहा। इसके बाद जिले की ओर से उनका नाम शिक्षक पुरस्कार के लिए मुख्यालय को भेजा गया था। डॉ. गोपाल को राष्ट्रपति पांच सितंबर को राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में तीस हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र प्रदान करेंगे।
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राजकीय पुरस्कार के लिए नाम चयन की प्रक्रिया शुरू
पटना : राज्य सरकार ने राजकीय शिक्षक पुरस्कार के लिए अब तक 15 नाम सूचीबद्ध किया है। इन नामों से पांच अथवा छह शिक्षकों का चयन राजकीय पुरस्कार के लिए किया जाएगा। शिक्षा सूत्रों ने बताया कि सूचीबद्ध नाम प्रधान सचिव के पास भेजे गए हैं। उनकी सहमति के बाद प्रस्ताव शिक्षा मंत्री के अनुमोदन को भेजा जाएगा। जिसके बाद नाम घोषित किए जाएंगे।