मोतिहारी : प्रारंभिक शिक्षक बहाली को ले निगरानी विभाग ने विभागीय
प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत पूर्वी चंपारण में करीब 15662 शिक्षक
हैं. जांच प्रक्रिया के तहत प्रथम चरण में शिक्षकों के आवेदन और मेरिट
लिस्ट की जांच की जायेगी. दोनों के मिलान के बाद डीपीओ द्वारा अभिप्रमाणित
प्रमाण पत्र की जांच की जायेगी. जांच में सही पाये जाने पर प्रमाणपत्र (अंक
पत्र) का मिलान बोर्ड ऑफिस से किया जायेगा. यहां बता दें कि 10+2,
हाइस्कूल नियोजन जांच में 52 शिक्षकों का फोल्डर नहीं मिला है. तत्कालीन
डीपीओ रंजीत पासवान जेल भी जा चुके हैं.
निगरानी विभाग का मानना है कि शिक्षक नियोजन में अंक पत्र स्कैन का
खेल हुआ है. इसके तहत कम अंक वाले आवेदक भी अंक पत्र का स्कैन के दौरान
मनमाना अंक प्रिंट कराकर आवेदन दिये और अंक के आधार पर चयन हुआ. अंक पर
स्कैन का खेल मोतिहारी, पीपरा, तुरकौलिया, रामगढ़वा, अरेराज, ढाका,
पकड़ीदयाल में ज्यादा हुए हैं.
पंचायत भी है नियोजन इकाई, फंस सकती है गर्दन
प्रारंभिक शिक्षक नियोजन की पंचायत भी इकाई है. कई पंचायतों में
नियोजन फाइल गायब है, तो कुछ पंचायतों में सचिव स्थानांतरण के बाद फाइल
लेकर चले गये हैं. यह सब खेल फर्जीवाड़ा छुपाने के लिए किया गया है. विभाग
का कहना है कि नियोजन संचिका नहीं मिली तो नियोजन से जुड़े पंचायत इकाई पर
भी कार्रवाई होगी. संबंधित शिक्षक की नौकरी जायेगी ही. इधर विभाग का दावा
है कि 15662 में 13647 की सूचना है लेकिन 2015 को फोल्डर नहीं मिल रहा है.
इससे स्पष्ट होता है कि कुछ शिक्षकों में कहीं न कहीं बड़े पैमाने पर फर्जी
नियोजन हुआ है और विभागीय जानकारी में वैसे फर्जी शिक्षक सरकारी राशि का
उठाव कर रहे हैं.
पूर्वी चंपारण में करीब 15 हजार और पश्चिमी चंपारण में 10216
प्रारंभिक शिक्षक नियोजन की जांच शुरू की गयी है. आवेदन मेरिट लिस्ट के बाद
अंक पत्र की जांच होगी. अंक पत्र की जांच सूक्ष्मता से होगी ताकि स्कैन
अंक पत्र पता चल सके. गड़बड़ी पकड़े जाने पर डीपीओ व नियोजन इकाई के खिलाफ
कार्रवाई के लिए प्रधान लिपिक को लिखा जायेगा.
रामनरेश सिंह, इंस्पेक्टर निगरानी, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण