बक्सर। दूसरों की समस्याओं को सुलझाने में सार्थक पहल करने वाले शिक्षक
आज खुद जीवन में बोझ सा बनते जा रहे हैं। वेतन के अभाव में वे आर्थिक,
मानसिक, पारिवारिक और सामाजिक रूप से परेशान हो गए हैं।
तभी तो जिला शिक्षा
पदाधिकारी से गुहार लगाकर थक चुके शिक्षक अब अपने वेतन के भुगतान को लेकर
जिलाधिकारी से लगायत राज्यपाल, मुख्यमंत्री, और मुख्य सचिव से गुहार लगा
रहे हैं कि किसी तरह उनके वेतन का भुगतान हो।
कहते हैं हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं लेकिन सरकार तथा
अधिकारियों की गलत नीतियों के कारण बेहाल हैं। शिक्षक संघ डुमरांव के
अध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद समेत सुरेन्द्र मेहरा, अजीत कुमार ¨सह, चंदन
कुमार, अजय कुमार, जयंत ¨सह, संतोष कुमार, रवीन्द्र कुमार, सत्येन्द्र ¨सह,
अजीत कुमार चौधरी आदि ने बताया कि नियोजित शिक्षकों के दो माह का भुगतान
नहीं हुआ है। कुछ शिक्षकों का हड़ताल अवधि सहित मई 2017 का वेतन भुगतान नहीं
हुआ है। जबकि, विपत्र भेजा जा चुका है। यही नहीं जीओबी मद से भुगतान होने
वाले कुछेक शिक्षकों का जनवरी एवं फरवरी का वेतन भुगतान लंबित है। उनका
सातवां वेतन निर्धारण भी अभी तक नहीं हुआ है। शिक्षकों ने इन बिंदुओं का
जिक्र करते हुए जिलाधिकारी के अलावा राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव
को पत्र देकर अपनी मजबूरी का हवाला दिया है और इन समस्याओं के निदान की
गुहार लगाई है। साथ ही इसको लेकर आमरण अनशन की भी चेतावनी दी है। पत्र में
इन लोगों ने कहा है कि अगर शिक्षकों के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो
इसकी जवाबदेही उनकी नहीं होगी
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