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सरकारी स्कूल में बच्चों को ऐसे मिल रही शिक्षा

पटना। सूबे की सरकार हमेशा से शिक्षा-व्यवस्था में सुधार की बात करती आयी है, पर क्या वाकई इस व्यवस्था में सुधार आया है, क्या वाकई सरकारी स्कूल के शिक्षक अपनी जिम्मेवारी इमानदारी से निभा रहे हैं। ऐसे कई सवाल हैं जिसका जवाब आपको ये खबर देखने के बाद मिलेगा।

ये है राजधानी पटना से सटे नौबतपुर प्रखंड के बलियावन गांव का हरिजन प्राथमिक विद्यालय। अब आपको मिलवाते हैं इस विद्यालय के शिक्षक महोदय शैलेन्द्र कुमार से। आइए देखते हैं कि वो कैसे बच्चों को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहे हैं। इन महाशय को तो जनवरी- फरवरी तक लिखना नहीं आता। यकीन नहीं आ रहा हो तो इनकी लिखावट देखें। कैसे ये ब्लैकबोर्ड पर लिखकर ये बता रहे हैं कि काला अक्षर भैंस बराबर।


प्रधानाध्यापक को नहीं आता जनवरी-फरवरी का स्पेलिंग

वहीं, सबसे खास बात तो ये है कि शैलेन्द्र कुमार इस विद्यालय के ना सिर्फ शिक्षक हैं बल्कि प्रधानाध्यापक भी हैं। अब जब प्रधानाध्यापक ही अनपढ़ हो तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कहां से मिलेगी, बावजूद इसके इस विद्यालय के बच्चे शिक्षक सह प्रधानाध्यापक शैलेन्द्र कुमार से ज्यादा ज्ञानी हैं। देखिये ये छोटा सा बच्चा कैसे ब्लैकबोर्ड पर सही- सही जनवरी और फरवरी लिख रहा है, जो शिक्षक महोदय लिख भी नहीं पाए।

प्राइवेट ट्यूशन करते हैं बच्चे

बता दें कि इस बावत जब बच्चों के परिजनों से पूछा गया तो उनका कहना था कि वो स्कूल के शिक्षकों के ज्ञान से पूरी तरह वाकिफ हैं तभी तो अपने बच्चों को वो प्राइवेट ट्यूशन पर भी भेजते हैं, ताकि शिक्षक की तरह उनका बच्चा भी अनपढ़ ना रह जाए।

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