Random-Post

नीतीश का फैसला, शिक्षक करेंगे लोटे की निगरानी, खुले में शौच करने वालों के साथ खीचेंगे सेल्फी

शिक्षकों का काम पढ़ाने के अलावा क्या-क्या हो सकता है यह जानना हो तो बिहार सरकार के शिक्षा पदाधिकारी आपकी मदद कर सकते हैं।
शिक्षा विभाग के नए सर्कुलर के अनुसार अब सरकारी शिक्षकों को लोटे की निगरानी करनी है। सरकारी शिक्षक अब खुले में शौच करने वालों को रोकने के साथ-साथ उनकी निगरानी की जिम्मेवारी भी संभालेंगे। नीतीश सरकार का स्कूली शिक्षकों के लिए यह एकदम नया फरमान है।
जानकारी के अनुसार बीईओ की तरफ से शिक्षकों को सर्कुलर जारी किया गया है। इसके तहत अब हाईस्कूल के शिक्षक खुले में शौच करने वालों को रोकेंगे और उनकी निगरानी करेंगे। बीईओ की तरफ से जो आदेश जारी किए गए हैं उसके मुताबिक शिक्षक सुबह-शाम अलग-अलग समय पर खुले में शौच करने वालों की निगरानी करेंगे। शिक्षक सुबह 5 बजे और शाम 4 बजे रोजाना खुले में शौच करने वालों का निरीक्षण करेंगे। यहीं शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे खुले में शौच करने वालों के साथ मोबाइल से सेल्फी फोटो भी लें।

इसके लिए शिक्षकों को वार्ड स्तरीय सदस्य बनाया गया है। इसके तहत अब प्रधानाध्यापक और शिक्षक शौचालय की राशि आवंटन, भौतिक सत्यापन, निर्माण से लेकर निरीक्षण तक का काम करेंगे। शिक्षकों को ड्यूटी के लिए जहां पत्र भेजा गया है वहीं प्रधानाध्यापकों को शौचालय निगरानी का पर्यवेक्षक बनाया गया है। नई जिम्मेदारी के साथ-साथ सप्ताह में दो दिन कार्यों की समीक्षा के लिए बैठक करने का भी निर्देश दिया गया है।

सरकार के फैसले की आलोचना 
माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। महासचिव शत्रुध्न प्रसाद सिंह ने कहा कि शौच अभियान में शिक्षकों को शामिल करना पागलपन है और शिक्षकों के पद का अपमान है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार अपने घिनौने फरमान को तुरंत वापस ले, क्योंकि वे शिक्षकों को ये काम कभी नहीं करने देंगे। शिक्षक संघ फरमान को वापस लेने के लिए सीएम को पत्र लिखेगा।

शिक्षकों के जिम्मे हैं 30 तरह के काम
इस जिम्मेवारी के पहले ही पढ़ाई के साथ-साथ 30 अलग-अलग तरह के काम बिहार के शिक्षकों को मिला हुआ है। इनमें चुनाव कराने से लेकर वोटर लिस्ट बनाने और जनगणना जैसे काम हैं।

Recent Articles