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21 साल बाद भी ग्रेच्युटी भुगतान नहीं करने पर बिहार सरकार को फटकार

21 वर्षों के बाद भी मृत शिक्षक की पत्नी को उपदान (ग्रेच्युटी) सहित अर्न लीव व जीपीएफ राशि नहीं देने से नाराज पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगते हुए दो माह के भीतर राशि का भुगतान करने का आदेश दिया।
साथ ही एक लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पूरे मामले को देखकर दोषी कर्मी पर कारवाई करने तथा मुआवजे की राशि को वसूलने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की एकल पीठ ने निर्मला सिंह की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की। आवेदिका की ओर से अधिवक्ता अतुल पाण्डेय ने कोर्ट को बताया कि मुजफ्फरपुर के तिरहुत अकादमी में तैनात सहायक शिक्षक की मौत 10 नवम्बर 1996 को हो गई थी, लेकिन विभाग ने उपदान सहित अर्न लीव व जीपीएफ की राशि देने के बारे में कोई कार्यवाहीं नहीं की। केस दायर करने के बाद राशि भुगतान करने के बारे में कार्यवाही की गई । उनका कहना था कि हाल के दिनों में स्कूल के हेडमास्टर से संबंधित कागजात की मांग की गई है।

वहीं राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि स्कूल के हेडमास्टर ने अब तक कागजात उपलब्ध नहीं कराया है। इस वजह से राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है। उन्होंने बताया कि विभाग जल्द ही राशि का भुगतान कर देगा। अदालत ने मामले को निष्पादित करते हुए यह आदेश दिया।

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