पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार सरकार सूबे के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में 50 साल की उम्र पूरी कर चुके अक्षम शिक्षकों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है। सरकार ने जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि वे 15 सितंबर तक अक्षम शिक्षकों की पहचान करते हुए उनकी सूची मुख्यालय को मुहैया करा दे।
शिक्षा पदाधिकारियों को जारी पत्र में सरकार द्वारा पूर्व में लिए गए निर्णय का हवाला देकर कहा गया है कि इंटर और मैट्रिक परीक्षाओं में खराब रिजल्ट देने वाले स्कूलों के अक्षम शिक्षकों पर सरकार ने कार्रवाई का फैसला किया था। मुख्यमंत्री के स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में यह फैसला हुआ था कि वैसे शिक्षक जिनकी उम्र 50 साल हो चुकी है और जिनकी अक्षमता और लापरवाही की वजह से बड़ी संख्या में छात्रों के रिजल्ट खराब हुए वैसे शिक्षकों को सरकार ने कार्य मुक्त करने का फैसला किया है।
सरकार के फैसले को अमल में लाने के लिए आवश्यक है कि जिलों के शिक्षा पदाधिकारी अपने प्रक्षेत्र के वैसे स्कूलों की पहचान करते हुए शिक्षकों का विवरण तैयार कर सरकार को भेजे जिनकी वजह से परिणाम खराब हुए और छात्रों का भविष्य दांव पर लगा।
शिक्षा विभाग ने अपने पत्र में कहा है क शिक्षकों की सूची जिला स्तर से प्राप्त होने के बाद इसे स्क्रीनिंग कमेटी को भेजा जाएगा। जिन शिक्षकों के नाम सूची में शामिल होंगे वैसे शिक्षकों को सरकार अपना पक्ष रखने का मौका भी देगी। यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा सके इसके लिए आवश्यक है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी 15 सितंबर तक हर हाल में शिक्षकों की सूची तैयार कर मुख्यालय को मुहैया करा दे।
शिक्षा पदाधिकारियों को जारी पत्र में सरकार द्वारा पूर्व में लिए गए निर्णय का हवाला देकर कहा गया है कि इंटर और मैट्रिक परीक्षाओं में खराब रिजल्ट देने वाले स्कूलों के अक्षम शिक्षकों पर सरकार ने कार्रवाई का फैसला किया था। मुख्यमंत्री के स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में यह फैसला हुआ था कि वैसे शिक्षक जिनकी उम्र 50 साल हो चुकी है और जिनकी अक्षमता और लापरवाही की वजह से बड़ी संख्या में छात्रों के रिजल्ट खराब हुए वैसे शिक्षकों को सरकार ने कार्य मुक्त करने का फैसला किया है।
सरकार के फैसले को अमल में लाने के लिए आवश्यक है कि जिलों के शिक्षा पदाधिकारी अपने प्रक्षेत्र के वैसे स्कूलों की पहचान करते हुए शिक्षकों का विवरण तैयार कर सरकार को भेजे जिनकी वजह से परिणाम खराब हुए और छात्रों का भविष्य दांव पर लगा।
शिक्षा विभाग ने अपने पत्र में कहा है क शिक्षकों की सूची जिला स्तर से प्राप्त होने के बाद इसे स्क्रीनिंग कमेटी को भेजा जाएगा। जिन शिक्षकों के नाम सूची में शामिल होंगे वैसे शिक्षकों को सरकार अपना पक्ष रखने का मौका भी देगी। यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा सके इसके लिए आवश्यक है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी 15 सितंबर तक हर हाल में शिक्षकों की सूची तैयार कर मुख्यालय को मुहैया करा दे।