मधुबनी। सूबे की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिए कई
सकारात्मक कदम उठाए गए हैं जो जमीन पर कम कागजों में ज्यादा दिखते हैं।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा धरातल पर हवा हवाई बनकर रह गई है।
वर्ग सातवीं व आठवीं के बच्चे जब उपमुख्ययमंत्री तथा शिक्षामंत्री एवं देश के राष्ट्रपति का नाम नहीं बता सके तो आप स्वयं अंदाजा लगा सकते है कि पढ़ाई की स्थिति क्या है।
जागरण संवाददाता ने शुक्रवार को दिन के 12.00 बजे प्रखंड मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर राजकीय मध्य विद्यालय बररी का जायजा लिया। विद्यालय में कुल चार शिक्षक हैं। वहीं नामांकित बच्चों की संख्या 486 है। जिसमें 275 बच्चे उपस्थित पाए गए। एचएम शुकदेव ठाकुर जहां वर्ग तीन में बच्चों को पढ़ा रहे थे, वहीं अन्य शिक्षक वर्ग संचालन में लगे हुए थे। 8 कमरे के विद्यालय में 7 कमरे में वर्ग का संचालन होता है। एक में कार्यालय है। विद्यालय में 1 शौचालय है। चापाकल 3 है। जिसमें दो चालू व एक खराब है। विद्यालय में रसोइयों की संख्या 5 है। सभी उपस्थित थे। यहां का किचनशेड अधूरा है। विद्यालय में गणित, अंग्रेजी, संस्कृत, हिन्दी के शिक्षकों की आवश्यकता है।
प्रभारी एचएम शुकदेव ठाकुर ने बताया कि विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति रहतीं है। प्रतिदिन मेन्यू के अनुसार एमडीएम बनाया जाता है। विद्यालय शिक्षा समिति के सचिव अनिल राम ने बताया कि विद्यालय में जहां पठन पाठन की व्यवस्था सही है।
वर्ग सातवीं व आठवीं के बच्चे जब उपमुख्ययमंत्री तथा शिक्षामंत्री एवं देश के राष्ट्रपति का नाम नहीं बता सके तो आप स्वयं अंदाजा लगा सकते है कि पढ़ाई की स्थिति क्या है।
जागरण संवाददाता ने शुक्रवार को दिन के 12.00 बजे प्रखंड मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर राजकीय मध्य विद्यालय बररी का जायजा लिया। विद्यालय में कुल चार शिक्षक हैं। वहीं नामांकित बच्चों की संख्या 486 है। जिसमें 275 बच्चे उपस्थित पाए गए। एचएम शुकदेव ठाकुर जहां वर्ग तीन में बच्चों को पढ़ा रहे थे, वहीं अन्य शिक्षक वर्ग संचालन में लगे हुए थे। 8 कमरे के विद्यालय में 7 कमरे में वर्ग का संचालन होता है। एक में कार्यालय है। विद्यालय में 1 शौचालय है। चापाकल 3 है। जिसमें दो चालू व एक खराब है। विद्यालय में रसोइयों की संख्या 5 है। सभी उपस्थित थे। यहां का किचनशेड अधूरा है। विद्यालय में गणित, अंग्रेजी, संस्कृत, हिन्दी के शिक्षकों की आवश्यकता है।
प्रभारी एचएम शुकदेव ठाकुर ने बताया कि विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति रहतीं है। प्रतिदिन मेन्यू के अनुसार एमडीएम बनाया जाता है। विद्यालय शिक्षा समिति के सचिव अनिल राम ने बताया कि विद्यालय में जहां पठन पाठन की व्यवस्था सही है।