लखीसराय। सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक
विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में सुधार को लेकर एक बृहद कार्य योजना
तैयार की गई है। जिसका मूल उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं वार्षिक
परीक्षा परिणाम में सुधार लाना है।
विद्यालय स्तर पर इस कार्य योजना के क्रियान्वयन की बड़ी जिम्मेदारी शिक्षकों की है। लेकिन, जब विद्यालय में विषयवार शिक्षक ही नहीं हैं तो फिर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं शिक्षा के स्तर में सुधार लाने की बड़ी चुनौती होगी।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक द्वारा चालू माह में जो रिपोर्ट तैयार की गई है उसके अनुसार जिले में 69 प्लस टू विद्यालय हैं। इनमें प्रधानाध्यापक सहित कुल 146 शिक्षक हैं। अधिकांश प्लस टू विद्यालयों में स्वीकृत पद के विरुद्ध शिक्षक नहीं हैं। खासकर गणित, भौतिकी, रसायन, वनस्पति विज्ञान, जन्तु विज्ञान, अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं हैं। इस बार इंटर परीक्षा परिणाम के खराब प्रदर्शन पर विभाग अलर्ट हुआ है। शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए कार्य योजना तैयार की है। इसके लिए विषयवार शिक्षकों का नियोजन करने की बात कही गई है। पांच चरणों में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। लेकिन विभाग को प्लस टू विद्यालयों में पढ़ाने के लिए विषयवार शिक्षक नहीं मिले।
डीपीओ नरेन्द्र कुमार की मानें तो जिले के कुछ उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन बाधित न हो इसके लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। प्लस टू विद्यालयों में उपलब्ध शिक्षकों द्वारा कार्य योजना के तहत कक्षा संचालन कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
माध्यमिक व प्लस टू विद्यालयों व शिक्षकों का आंकड़ा
माध्यमिक विद्यालय - 43
नव उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय - 34
माध्यमिक संस्कृत विद्यालय - 1
स्थापना अनुमति प्राप्त माध्यमिक विद्यालय - 16
प्लस टू विद्यालय - 69
प्रधानाध्यापक - 4
सहायक शिक्षक - 24
नियोजित माध्यमिक शिक्षक - 409
नियोजित पुस्तकालय अध्यक्ष शिक्षक - 31
नियोजित उच्च माध्यमिक शिक्षक - 146
By
Jagran
विद्यालय स्तर पर इस कार्य योजना के क्रियान्वयन की बड़ी जिम्मेदारी शिक्षकों की है। लेकिन, जब विद्यालय में विषयवार शिक्षक ही नहीं हैं तो फिर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं शिक्षा के स्तर में सुधार लाने की बड़ी चुनौती होगी।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक द्वारा चालू माह में जो रिपोर्ट तैयार की गई है उसके अनुसार जिले में 69 प्लस टू विद्यालय हैं। इनमें प्रधानाध्यापक सहित कुल 146 शिक्षक हैं। अधिकांश प्लस टू विद्यालयों में स्वीकृत पद के विरुद्ध शिक्षक नहीं हैं। खासकर गणित, भौतिकी, रसायन, वनस्पति विज्ञान, जन्तु विज्ञान, अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं हैं। इस बार इंटर परीक्षा परिणाम के खराब प्रदर्शन पर विभाग अलर्ट हुआ है। शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए कार्य योजना तैयार की है। इसके लिए विषयवार शिक्षकों का नियोजन करने की बात कही गई है। पांच चरणों में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। लेकिन विभाग को प्लस टू विद्यालयों में पढ़ाने के लिए विषयवार शिक्षक नहीं मिले।
डीपीओ नरेन्द्र कुमार की मानें तो जिले के कुछ उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन बाधित न हो इसके लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। प्लस टू विद्यालयों में उपलब्ध शिक्षकों द्वारा कार्य योजना के तहत कक्षा संचालन कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
माध्यमिक व प्लस टू विद्यालयों व शिक्षकों का आंकड़ा
माध्यमिक विद्यालय - 43
नव उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय - 34
माध्यमिक संस्कृत विद्यालय - 1
स्थापना अनुमति प्राप्त माध्यमिक विद्यालय - 16
प्लस टू विद्यालय - 69
प्रधानाध्यापक - 4
सहायक शिक्षक - 24
नियोजित माध्यमिक शिक्षक - 409
नियोजित पुस्तकालय अध्यक्ष शिक्षक - 31
नियोजित उच्च माध्यमिक शिक्षक - 146