पटना । बिहार बोर्ड की बीते साल की फर्जी टॉपर 'प्रोडिकल गर्ल' रूबी राय ने परीक्षा में फिल्मी गाने व 'तुलसीदास परनाम' लिखकर नंबर हासिल किए थे (बाद में ये कॉपियां बदल दी गईं थीं)। इस साल के फर्जी आर्ट्स टॉपर रहे 'म्यूजिक ब्वॉय' गणेश कुमार भी कम नहीं हैं। उन्होंने तो परीक्षा ही नहीं दी और टॉप कर गए। यह बड़ा खुलासा खुद गणेश ने पुलिस पूछताछ में किया है।
परीक्षा में बिहार बोर्ड के फर्जी इंटर आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार को पटना पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। उसने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं। उसकी बातों पर यकीन करें तो बिहार बोर्ड की परीक्षा में इस साल भी घोटाला हुआ है। वह भी बिना प्रैक्टिकल परीक्षा दिए ही पास कर आर्ट्स का टॉपर बन गया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार फर्जी टॉपर गणेश ने जिस आरएनएसजेएन विद्यालय (समस्तीपुर) से इंंटर आर्ट्स की परीक्षा दी थी, वहां उसका संगीत विषय की प्रैक्टिकल परीक्षा हुई ही नहीं थी। बिना परीक्षा दिए ही उसे नंबर दे दिए गए। ऐसा कई और छात्रों के साथ भी हुआ।
गणेश ने पुलिस को बताया कि उसने दलाल संजय के साथ मिलकर न केवल उम्र का फर्जीवाड़ा किया, बल्कि वह बिहार बोर्ड की परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर शामिल होने वाले छात्रों का इलाल संजय के लिए इंतजाम भी करता था। उसने ऐसे तीन दर्जन छात्रों की जानकारी पुलिस को दी है।
गणेश के अनुसार आरएनएसजेएन विद्यालय (समस्तीपुर) के प्राचार्य को मालूम था कि उसने उम्र में फर्जीवाड़ा किया है। दलाल संजय ने गणेश के 12वीं में दाखिला के लिए विद्यालय के प्राचार्य और कमेटी के लोगों से सेटिंग की थी। बदले में गणेश ने पैसे दिए और चार ऐसे कैंडिडेट का दाखिला कराया, जिन्होंने पास होने के नाम पर मोटी रकम दी।
जाली सर्टिफिकेट पर 10वीं में दाखिला के बदले भी संजय ने गणेश से दो किस्तों में पैसे लिए थे। पहली किस्त मुसल्लहपुर में दो हजार रुपये और दूसरी परीक्षा शुरू होने के एक माह पूर्व तीन हजार रुपये लिए।
ऐसे हुआ घोटाला
- गणेश ने पुलिस को बताया कि कर्ज से लदा होने की वजह से वह झारखंड के गिरिडीह से 2013 में पटना आ गया और मुसल्लहपुर हाट स्थित एक लाज में रहने लगा। यहां कोचिंग पढ़ाने लगा।
- पटना में उसकी संजय से मुलाकात हुई। संजय का संप
परीक्षा में बिहार बोर्ड के फर्जी इंटर आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार को पटना पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। उसने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं। उसकी बातों पर यकीन करें तो बिहार बोर्ड की परीक्षा में इस साल भी घोटाला हुआ है। वह भी बिना प्रैक्टिकल परीक्षा दिए ही पास कर आर्ट्स का टॉपर बन गया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार फर्जी टॉपर गणेश ने जिस आरएनएसजेएन विद्यालय (समस्तीपुर) से इंंटर आर्ट्स की परीक्षा दी थी, वहां उसका संगीत विषय की प्रैक्टिकल परीक्षा हुई ही नहीं थी। बिना परीक्षा दिए ही उसे नंबर दे दिए गए। ऐसा कई और छात्रों के साथ भी हुआ।
गणेश ने पुलिस को बताया कि उसने दलाल संजय के साथ मिलकर न केवल उम्र का फर्जीवाड़ा किया, बल्कि वह बिहार बोर्ड की परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर शामिल होने वाले छात्रों का इलाल संजय के लिए इंतजाम भी करता था। उसने ऐसे तीन दर्जन छात्रों की जानकारी पुलिस को दी है।
गणेश के अनुसार आरएनएसजेएन विद्यालय (समस्तीपुर) के प्राचार्य को मालूम था कि उसने उम्र में फर्जीवाड़ा किया है। दलाल संजय ने गणेश के 12वीं में दाखिला के लिए विद्यालय के प्राचार्य और कमेटी के लोगों से सेटिंग की थी। बदले में गणेश ने पैसे दिए और चार ऐसे कैंडिडेट का दाखिला कराया, जिन्होंने पास होने के नाम पर मोटी रकम दी।
जाली सर्टिफिकेट पर 10वीं में दाखिला के बदले भी संजय ने गणेश से दो किस्तों में पैसे लिए थे। पहली किस्त मुसल्लहपुर में दो हजार रुपये और दूसरी परीक्षा शुरू होने के एक माह पूर्व तीन हजार रुपये लिए।
ऐसे हुआ घोटाला
- गणेश ने पुलिस को बताया कि कर्ज से लदा होने की वजह से वह झारखंड के गिरिडीह से 2013 में पटना आ गया और मुसल्लहपुर हाट स्थित एक लाज में रहने लगा। यहां कोचिंग पढ़ाने लगा।
- पटना में उसकी संजय से मुलाकात हुई। संजय का संप