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अब क्लास में अगर टीचर करेंगे व्हाट्सअप चैटिंग तो जाएगी नौकरी

PATNA:  फेसबुक, व्हाट्सऐप चैटिंग का रोग सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले गुरुजी को भी लग चुका है।
यह क्रोनिकल रोग कुछ इस कदर उनसे चिपक चुका है कि पीरियड शुरू होने की घंटी लगने पर भी शिक्षक ऑफिस में कुर्सी पर बैठे चैटिंग करने में मशरूफ रहते हैं।

यहां तक कि क्लासरूम में भी हैं तो व्हाट्सऐप, मैसेंजर का टोन मिलने पर मैसेज सर्च करने लग जा रहे हैं। उन्हें लगी इस बीमारी के कारण सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य बुरी तरह बाधित हो रहा है। समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि शिक्षा विभाग के सक्षम अफसर को आदेश जारी कर चेतावनी देनी पड़ी है।
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माध्यम से अभिभावक, विद्यालय शिक्षा समिति से होते हुए शिक्षकों के मोबाइल प्रेम की शिकायत विभागीय अधिकारी तक पहुंची है। विभागीय सूत्रों के अनुसार मिली शिकायत के बाद विभिन्न श्रोतों से इसकी पुष्टि भी की गई।
शिक्षकों के इस रवैये को सक्षम अधिकारी सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ अजय कुमार ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने अपने कार्यालय के पत्रांक 922 दिनांक 25 मई, 2017 के द्वारा सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, संकुल संसाधन के समन्वयक, प्रखंड साधन सेवियों को सख्ती से आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है।
डीपीओ एसएसए ने अपने आदेश में कहा है कि सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाएं अपना मोबाइल फोन कार्यालय कक्ष में ही रखें। क्लासरूम में मोबाइल लेकर न जाएं। आदेश के बाद भी कोई शिक्षक क्लासरूम में अपना मोबाइल लेकर जाते हैं, इस संबंध में यदि रिपोर्ट मिलती है, तो संबंधित शिक्षक के खिलाफ विभागीय स्तर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें सेवा से हाथ धोना पड़ सकता है।
डीपीओ ने पत्र के इतर व्यक्तिगत रूप से बताया कि क्लासरूम में मोबाइल लेकर नहीं जाना है तो इसका मतलब यह नहीं कि घंटी लगने के बाद भी शिक्षक मोबाइल में उलझे रहें। घंटी लगने के साथ ही उन्हें क्लास अटेंड करना होगा।

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