औरंगाबाद। शहर के टाउन इंटर विद्यालय का हाल बेहाल है। विद्यालय में शिक्षक
तो समय से आते हैं परंतु छात्रों की स्थिति शून्य रहती है। शनिवार को
विद्यालय में जो स्थिति दिखी उससे यही लगा कि सरकार शिक्षकों की बहाली करते
जा रही है और छात्रों का नाम सिर्फ रजिस्टर पर अंकित है।
विद्यालय में शिक्षकों की संख्या 39 है और करीब 35 शिक्षक उपस्थित थे। नामांकित छात्रों की संख्या 1800 है परंतु एक भी छात्र विद्यालय नहीं आते हैं। यहां पढ़ाई की स्थिति चौपट हो गई है। कभी यह विद्यालय बेहतर शिक्षा के लिए प्रख्यात था परंतु अब इतिहास बनकर रह गया है। बताया जाता है कि शिक्षक विद्यालय आते हैं और आपस में बैठकर बात बनाते हुए घर चले जाते हैं। विद्यालय में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं है। शिक्षक अपने मन से विद्यालय आते और जाते हैं। शनिवार को शिक्षक पवन कुमार, रविशंकर कुमार, कुमारी अनामिका नहीं थे। बताया गया कि छुटटी पर हैं। छात्रों की उपस्थिति के संबंध में प्राचार्य मीरा रानी ने बताया कि विद्यालय का अंतिम दिन था जिस कारण उपस्थिति नहीं है। वैसे विद्यालय में छात्र नियमित पढ़ने आते हैं। विद्यालय का अधिकांश भवन जर्जर है। कब धराशायी हो जाएगा कहा नहीं जा सकता। सबसे बड़ा सवाल कि सरकार शिक्षकों की बहाली करते जा रही है और छात्रों की संख्या नगण्य है। विद्यालय में 39 शिक्षकों का होना बड़ा सवाल खड़ा करता है। कुल 11 कमरा है। प्राचार्य ने बताया कि कई शिक्षक ऐसे हैं जो कभी भी समय से विद्यालय नहीं आते हैं। विद्यालय आते भी हैं तो एक घंटे बाद घर चले जाते हैं। कई शिक्षक विद्यालय की जगह को¨चग में पढ़ाते हैं। बहरहाल विद्यालय की स्थिति अत्यंत जर्जर है। कब सुधार होगा कहा नहीं जा सकता।
विद्यालय में शिक्षकों की संख्या 39 है और करीब 35 शिक्षक उपस्थित थे। नामांकित छात्रों की संख्या 1800 है परंतु एक भी छात्र विद्यालय नहीं आते हैं। यहां पढ़ाई की स्थिति चौपट हो गई है। कभी यह विद्यालय बेहतर शिक्षा के लिए प्रख्यात था परंतु अब इतिहास बनकर रह गया है। बताया जाता है कि शिक्षक विद्यालय आते हैं और आपस में बैठकर बात बनाते हुए घर चले जाते हैं। विद्यालय में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं है। शिक्षक अपने मन से विद्यालय आते और जाते हैं। शनिवार को शिक्षक पवन कुमार, रविशंकर कुमार, कुमारी अनामिका नहीं थे। बताया गया कि छुटटी पर हैं। छात्रों की उपस्थिति के संबंध में प्राचार्य मीरा रानी ने बताया कि विद्यालय का अंतिम दिन था जिस कारण उपस्थिति नहीं है। वैसे विद्यालय में छात्र नियमित पढ़ने आते हैं। विद्यालय का अधिकांश भवन जर्जर है। कब धराशायी हो जाएगा कहा नहीं जा सकता। सबसे बड़ा सवाल कि सरकार शिक्षकों की बहाली करते जा रही है और छात्रों की संख्या नगण्य है। विद्यालय में 39 शिक्षकों का होना बड़ा सवाल खड़ा करता है। कुल 11 कमरा है। प्राचार्य ने बताया कि कई शिक्षक ऐसे हैं जो कभी भी समय से विद्यालय नहीं आते हैं। विद्यालय आते भी हैं तो एक घंटे बाद घर चले जाते हैं। कई शिक्षक विद्यालय की जगह को¨चग में पढ़ाते हैं। बहरहाल विद्यालय की स्थिति अत्यंत जर्जर है। कब सुधार होगा कहा नहीं जा सकता।