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शिक्षक बनना है तो देनी होगी PET-PMT जैसी परीक्षा

आज हर ओर शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। शिक्षा के स्तर को अच्छा बनाने के लिए भारतीय सरकार ने कुछ बुनियादी कदम अपनाने पर विचार करना शुरू किया है। जिसके माध्यम से शिक्षा के स्तर विशेषकर प्राथमिक शिक्षा की गुणवक्ता मे सुधार किया जा सके।

प्राथमिक शिक्षा की गुणवक्ता से सुधार करना इस लिए जरूरी है क्योकि यदि बच्चो की प्राथमिक शिक्षा सही ढंग से नही हो पाती तो वह अंत तक चाहे जितना भी पढ़ ले वो मजबूत नही हो पाते। यह बात स्पष्ट है कि यदि शिक्षा की गुणवक्ता मे सुधार करना है तो इसके लिए शिक्षको की गुणवक्ता पर विशेष ध्यान देना जरूरी होगा।

बता दे कि अब केंद्र मे लगभग इस पर काम करने के लिए सहमति बन चुकी है जिसमे शिक्षकों से जुड़े कोर्स में एडमिशन के लिए मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की भांति एक राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित हो। ताकि योग्य उम्मीदवारों का ही शिक्षक कोर्स में चयन हो सके।

NCTE द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के कुल 15 शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स चलाए जा रहे हैं।इनमें करीब दस लाख सीटें हैं। सबसे ज्यादा सीटें बीएड की हैं। हालांकि देश में शिक्षकों की कमी है लेकिन आलम यह है कि इनमें से आधी से अधिक सीटें खाली रह जाती हैं। क्या आपको इनके खाली रहने का कारण पता है? कि यह किन कारणो से खाली रह जाती है? आपको हम बताते है कि क्यो खाली रह जाती है।

इन सीटो के खाली रहने के दो मुख्य कारण है।

1. पहला मुख्य कारण है अच्छे कालेजो का अभाव।

2. लोगो मे शिक्षक बनने के प्रति रूचि का अभाव। 

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