कैमूर। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में जिले के अनौपचारिक अनुदेशकों
को चतुर्थ वर्गीय सेवा में चयन किए जाने को ले उनके कागजातों की जांच
शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा की जा रही है।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के दो लिपिकों के द्वारा अनुदेशकों के पूरे कागजात उपलब्ध नहीं कराने के चलते काफी परेशानी हो रही है। इस संबंध में पूछे जाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी राम राज प्रसाद ने बताया कि जिन लिपिकों के द्वारा एक साथ अनुदेशकों के कागजात उपलब्ध नहीं कराएं गए उनसे शोकॉज भी किया गया था, लेकिन अब उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बता दे कि जिले के अनौपचारिक अनुदेशकों के कागजातों की जांच शिक्षा विभाग में कई माह से की जा रही है। अनुदेशकों के पूर्ण कागजात नहीं मिल पाने के कारण पदाधिकारियों को जांच करने में परेशानी उठानी पड़ रही है।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के दो लिपिकों के द्वारा अनुदेशकों के पूरे कागजात उपलब्ध नहीं कराने के चलते काफी परेशानी हो रही है। इस संबंध में पूछे जाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी राम राज प्रसाद ने बताया कि जिन लिपिकों के द्वारा एक साथ अनुदेशकों के कागजात उपलब्ध नहीं कराएं गए उनसे शोकॉज भी किया गया था, लेकिन अब उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बता दे कि जिले के अनौपचारिक अनुदेशकों के कागजातों की जांच शिक्षा विभाग में कई माह से की जा रही है। अनुदेशकों के पूर्ण कागजात नहीं मिल पाने के कारण पदाधिकारियों को जांच करने में परेशानी उठानी पड़ रही है।