जमुई : विभाग के निर्देशानुसार 31 जनवरी 2017 की अंतिम तिथि बीत जाने
के बाद भी अभी तक जिले में संचालित सैकड़ों निजी कोचिंग संस्थान का निबंधन
नहीं हो सका है. सूत्रों की मानें तो सरकारी नियम को धता बताते हुए कोचिंग
संस्थान संचालक मोटी कमाई करने में लगे हुए हैं. संचालक आमलोगों के हित की
चिंता किये बगैर सिर्फ व्यवसाय ही करने को आतुर प्रतीत होते हैं.
जानकारी के अनुसार आमलोगों की समस्या को देखते हुए सरकार द्वारा सभी
शिक्षा पदाधिकारी को निजी संस्थानों का सर्वे करवा कर निबंधन करवाने का
निर्देश दिया था. इसे लेकर तय समय पर सभी निजी संस्थानों को निबंधन करवाने
का निर्देश दिया गया था. विभाग के द्वारा निबंधन के लिए आवश्यक मानक भी
बतलाया गया था. जिसका अनुपालन नहीं करने वाले संस्थान के खिलाफ कड़ी
कार्रवाई की भी निर्देश डीइओ को दिया गया था. विभाग द्वारा तय किये गये
मानक के अनुसार संस्थान के लिए उपयुक्त जमीन, भवन, शिक्षक, संसाधन व अन्य
विभागीय शर्त को पूरा करना जरूरी है. सूत्रों की मानें तो निर्धारित समय तक
किसी संस्थान द्वारा निबंधन नहीं करवाया गया है.
समाज सेवी चंद्रचूड़ सिंह, शिक्षक ओंकार शरण, सुबोध सिंह,
व्यवसायी विजय कुमार, किसान मनोज सिंह, छात्र विपुल कुमार आदि बताते
हैं कि अच्छी शिक्षा की चाह में लोग अपने बच्चों को निजी कोचिंग संस्थान
में दाखिला करवाते हैं. जहां मोटी रकम के बल पर पढ़ाई होती है. परंतु
संस्थान द्वारा मानक पूरा नहीं करना खेद की बात है. कोचिंग संस्थान का अब
तक निबंधन नहीं होने की बात पर लोग कहते हैं कि इसका एक मात्र कारण संस्थान
संचालक और जवाबदेह पदाधिकारी के बीच सांठ-गांठ प्रतीत होता है. लोगों ने
बताया कि निजी संस्थान के निबंधन से सरकारी व्यवस्था के साथ-साथ आमलोग को
भी लाभ होगा.
क्या कहते हैं डीइओ
अधिक से अधिक लोगों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए सरकार द्वारा 2012
में निजी कोचिंग संस्थान अधिनियम बनाया गया था. इसके उपरांत उक्त अधिनियम
के तहत सभी निजी कोचिंग संस्थान का सर्वे करवा कर उसे निबंधन करवाने का
निर्देश दिया है. इसे लेकर विभाग को भी जानकारी उपलब्ध करवायी गयी है.
विभाग द्वारा निर्देश मिलते ही आगे की कार्रवाई की जायेगी.
सुरेंद्र कुमार सिन्हा, जिला शिक्षा पदाधिकारी