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मुख्यमंत्री जी मुझे संदेह होता है आपकी बातों पर

माननीय मुख्यमंत्री जी का यह बयान दुखदायी है की सरकारी अधिकारियों की जरूरतें पूरी की जा सकती है ,लालच नहीं। मुख्यमंत्री महोदय जी हम नियोजित शिक्षक को तो आपने दयनीय स्थिति में छोड़ ही दिया है
लेकिन आपके बयान के आलोक में याद दिला दूं की आज एक बीडीओ का शुरूआती वेतन बमुश्किल 45हजार से 50 हजार है आपके राज्य में। निःसंदेह बहुत सारे पदाधिकारी बेइमान भ्रष्ट रिश्वतखोर हैं और बिहार का मुखिया होने के नाते इन्हें आपके द्वारा समझाया जाना भी ठीक है मगर यह भी तो सत्य है की इमानदार तो छोडिये रिश्वतखोर बीडीओ भी 12घंटे duty कर रहे हैं 50हजार के वेतन में पेंशन भी नहीं और आपके विधायक जिसमे 90%चोर डकैत गुंडा है उनपर हर महीने आप 3लाख खर्च करते हैं जीवन भर पेंशन भी देते हैं कितना काम करते हैं। ज़रा उन्हें भी हिदायत इसी भाषा मे करते तो और बेहतर होता।
,,,,,,,मुख्यमंत्री जी मुझे संदेह होता है आपकी बातों पर क्योंकि आपका स्वभाव और कार्य हमेशा अफ़शरसाही को बढ़ावा देनेवाला रहा है ।इसलिए हमें ऐसा लगता है की कहीं पे निगाहें और कहीं पे निशाना है ।यानी नियोजित शिक्षकों के लगभग तमाम संगठन आन्दोलन शुरू करनेवाले हैं अपने अधिकार समान काम समान वेतन की मांग को लेकर।,,,,,,,,आपका स्वभाव कभी अफ़शरशाही एवं पदाधिकारियों की सुविधाओं को नियंत्रित करना का नहीं रहा इसलिए ऐसा प्रतीत होता है की आप आनेवाले समय में नियोजित शिक्षक आन्दोलन के विरुद्ध अपने बयान की पृष्ठभूमि तैयार कर रहे हैं।

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