पटना [जेएनएन]। बिहार कर्मचारी चयन आयोग की इंटरस्तरीय
प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच अभी चल ही रही है कि पटना
पुलिस ने शुक्रवार को 'दीन दयाल बाल शिक्षा ज्योति योजना के नाम पर फर्जी
ढंग से नौकरी दिलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया।
पुलिस ने गिरोह के सरगना मोहम्मद शेख मुजलिम हुसैन, उपेन्द्र कुमार, मनीष कुमार और रमेश कुमार को दबोच लिया। गिरोह का कनेक्शन दिल्ली से भी बताया जाता है। इसने फर्जी ढंग से केंद्र सरकार का शासनादेश तथा संयुक्त सचिव के फर्जी हस्ताक्षर तैयार किए थे।
दीनदयाल बाल शिक्षा ज्योति योजना के नाम पर गिरोह शिक्षक भर्ती के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी से 10 से 12 हजार रुपये आवेदन भरने के लिए ले रहा था। जबकि, राज्य के हर जिले में कोऑर्डिनेटर की नियुक्ति के नाम पर दस-दस लाख रुपये वसूले जा रहे थे।
पुलिस को सूचना मिली थी कि आइएएस कॉलोनी में राज केयर फाउंडेशन नाम का एनजीओ प्राथमिक शिक्षक बहाल करने का झांसा देकर युवकों से उगाही कर रहा है। इसके बाद पहुंची पुलिस ने शुक्रवार को एनजीओ
संचालक शेख मुजमिल हुसैन से पूछताछ शुरू की। जवाब संतोषजनक नहीं मिला। वह कार्यालय का रजिस्ट्रेशन पेपर तक नहीं दिखा सका। छानबीन में पता चला कि वह युवकों को यह झांसा दे रहा था कि उसे दिल्ली से
दीनदयाल बाल शिक्षा ज्योति योजना के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षक बहाली करने का टेंडर मिला है। पूछताछ में हुसैन ने पुलिस को बताया कि एनजीओ को दिल्ली से शिक्षकों को बहाल करने की स्वीकृति मिली है। हालांकि, इस संबंध में वह कागजात नहीं दे सका।
पुलिस ने गिरोह के पास से पांच मोबाइल, एक लैपटॉप, एक प्रिंटिंग मशीन, शिक्षक नियोजन आवेदन पत्र की भरी और खाली प्रतियां, विभिन्न बैंकों के चार पासबुक, एक कार, तीन बाइक, फर्जी दस्तावेज और कई मुहर बरामद किए।
ऐसे तैयार किया गया था ठगी का प्लान
बीते 4 जनवरी 2017 को एक विज्ञापन निकाला गया। विज्ञापन भारत सरकार द्वारा जारी शासनादेश की तरह था। पत्रांक संख्या से लेकर संयुक्त सचिव का हस्ताक्षर और मुहर भी थी। विषय 'दीन दयाल उपाध्याय बाल शिक्षा ज्योति योजना था और संदर्भ भारत सरकार दीन दयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष पर विशेष कार्यक्रम दर्शाया गया। योजना के अंतर्गत एक से पांच वर्ष के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा प्रदान करना था।
15 दिन पूर्व खोला था ऑफिस हुसैने ले 15 दिनों पहले ऑफिस खोला था। ऑफिस खुलने के बाद लोग आने-जाने लगे। हुसैन और उसके गिरोह के सदस्य ने युवकों को बताया कि यह प्रोजेक्ट राज केयर फाउंडेशन को मिला है। फिर गिरोह ने रजिस्टेरशन के नाम पर प्रति युवक 10 से 12 हजार रुपये वसूलना शुरू किया। इसके टारगेट पर कम से कम 40 हजार लोग थे।
दिल्ली पुलिस से संपर्क करेगी पटना पुलिस
पटना के एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि छानबीन में पता चला है कि गिरोह का संबंध दिल्ली के किसी गिरोह से काफी दिनों से है। सरकारी विज्ञापन निकलने पर यह गिरोह फर्जीवाड़ा शुरू कर देता है। जल्द ही पटना पुलिस दिल्ली पुलिस से संपर्क करेगी ।
पुलिस ने गिरोह के सरगना मोहम्मद शेख मुजलिम हुसैन, उपेन्द्र कुमार, मनीष कुमार और रमेश कुमार को दबोच लिया। गिरोह का कनेक्शन दिल्ली से भी बताया जाता है। इसने फर्जी ढंग से केंद्र सरकार का शासनादेश तथा संयुक्त सचिव के फर्जी हस्ताक्षर तैयार किए थे।
दीनदयाल बाल शिक्षा ज्योति योजना के नाम पर गिरोह शिक्षक भर्ती के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी से 10 से 12 हजार रुपये आवेदन भरने के लिए ले रहा था। जबकि, राज्य के हर जिले में कोऑर्डिनेटर की नियुक्ति के नाम पर दस-दस लाख रुपये वसूले जा रहे थे।
पुलिस को सूचना मिली थी कि आइएएस कॉलोनी में राज केयर फाउंडेशन नाम का एनजीओ प्राथमिक शिक्षक बहाल करने का झांसा देकर युवकों से उगाही कर रहा है। इसके बाद पहुंची पुलिस ने शुक्रवार को एनजीओ
संचालक शेख मुजमिल हुसैन से पूछताछ शुरू की। जवाब संतोषजनक नहीं मिला। वह कार्यालय का रजिस्ट्रेशन पेपर तक नहीं दिखा सका। छानबीन में पता चला कि वह युवकों को यह झांसा दे रहा था कि उसे दिल्ली से
दीनदयाल बाल शिक्षा ज्योति योजना के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षक बहाली करने का टेंडर मिला है। पूछताछ में हुसैन ने पुलिस को बताया कि एनजीओ को दिल्ली से शिक्षकों को बहाल करने की स्वीकृति मिली है। हालांकि, इस संबंध में वह कागजात नहीं दे सका।
पुलिस ने गिरोह के पास से पांच मोबाइल, एक लैपटॉप, एक प्रिंटिंग मशीन, शिक्षक नियोजन आवेदन पत्र की भरी और खाली प्रतियां, विभिन्न बैंकों के चार पासबुक, एक कार, तीन बाइक, फर्जी दस्तावेज और कई मुहर बरामद किए।
ऐसे तैयार किया गया था ठगी का प्लान
बीते 4 जनवरी 2017 को एक विज्ञापन निकाला गया। विज्ञापन भारत सरकार द्वारा जारी शासनादेश की तरह था। पत्रांक संख्या से लेकर संयुक्त सचिव का हस्ताक्षर और मुहर भी थी। विषय 'दीन दयाल उपाध्याय बाल शिक्षा ज्योति योजना था और संदर्भ भारत सरकार दीन दयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष पर विशेष कार्यक्रम दर्शाया गया। योजना के अंतर्गत एक से पांच वर्ष के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा प्रदान करना था।
15 दिन पूर्व खोला था ऑफिस हुसैने ले 15 दिनों पहले ऑफिस खोला था। ऑफिस खुलने के बाद लोग आने-जाने लगे। हुसैन और उसके गिरोह के सदस्य ने युवकों को बताया कि यह प्रोजेक्ट राज केयर फाउंडेशन को मिला है। फिर गिरोह ने रजिस्टेरशन के नाम पर प्रति युवक 10 से 12 हजार रुपये वसूलना शुरू किया। इसके टारगेट पर कम से कम 40 हजार लोग थे।
दिल्ली पुलिस से संपर्क करेगी पटना पुलिस
पटना के एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि छानबीन में पता चला है कि गिरोह का संबंध दिल्ली के किसी गिरोह से काफी दिनों से है। सरकारी विज्ञापन निकलने पर यह गिरोह फर्जीवाड़ा शुरू कर देता है। जल्द ही पटना पुलिस दिल्ली पुलिस से संपर्क करेगी ।