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दो जिलों में नौकरी कर रहे एक ही शिक्षक, तलाश रही निगरानी

मुजफ्फरपुर। वरीय संवाददाता एक शिक्षक मगर जांच के लिए उनके सर्टिफिकेट भेजे गए दो-दो जिले से। ऐसे नियोजित शिक्षकों को ढूंढ़ने में निगरानी विभाग लगा हुआ है। नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट की चल रही निगरानी जांच में मामला सामने आने पर इन शिक्षकों के बारे में संबंधित दोनों जिलों से रिपोर्ट मांगी गई है।


निगरानी जांच में आधा दर्जन शिक्षकों के सर्टिफिकेट दो-दो जिले से मिले हैं। मुजफ्फरपुर के साथ ही इन शिक्षकों के सर्टिफिकेट कैमूर, सुपौल, पं चम्पारण और वैशाली से भी जांच के लिए भेजे गए हैं। एक ही शिक्षक के दो जिलों में नियोजित होने की बात सामने आने से नियोजन प्रक्रिया भी सवालों के घेरे में है। निगरानी विभाग के पुलिस महानिरीक्षक सह सहायक जांचकर्ता मुरारी प्रसाद ने इस संबंध में पांचों जिले के डीपीओ स्थापना से इन शिक्षकों के बारे में रिपोर्ट मांगी है।

नियोजन से लेकर वेतन भुगतान तक की रिपोर्ट तलब :

निगरानी टीम ने डीपीओ स्थापना को इन सभी शिक्षकों का नाम भेजकर इनका पूरा ब्योरा मांगा है। नियोजन की तिथि से लेकर कब तक इन्हें वेतन मिला है, इसकी पूरी रिपोर्ट भी देनी है।

इधर, डीपीओ स्थापना जियाउल होदा ने कहा कि इन शिक्षकों के बारे में नियोजन इकाई से रिपोर्ट मांगी गई है कि ये शिक्षक कहां बहाल थे। आधा दर्जन शिक्षक के टीईटी प्रामाण पत्र दूसरे जिले से भी बोर्ड के पास सत्यापन कराने के लिए भेजा गया था। शिक्षक किस नियोजन इकाई में थे और किस तारीख से किस तारीख तक इन्हें वेतन मिला है, इसकी खोज की जा रही है। शिक्षकों के टीईटी प्रमाण का रोल नंबर भी नियोजन इकाईयों को भेज दिया गया है।

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