पटना : बिना कंप्यूटर और बिना शिक्षक के छात्र कैसे कंप्यूटर के
जानकार होंगे. लेकिन, पटना के स्कूलों में कंप्यूटर की पढ़ाई तो होती है.
लेकिन, प्रैक्टिकल नहीं होती है. छात्र माउस की जानकारी तो ले रहे हैं.
लेकिन, माउस पकड़ना नहीं जान रहे हैं. यह हाल कोई एक स्कूल का नहीं बल्कि
अधिकांश हाइस्कूलों का है. पटना जिले के 251 स्कूलों में अब तक केवल 25
स्कूलों में ही कंप्यूटर शिक्षकों की बहाली हुई है. बांकी 226 स्कूलों में
कंप्यूटर की पढ़ाई ही नहीं होती है. क्योंकि, शिक्षक नहीं होने से यहां पर
कंप्यूटर ठप पड़ा हुआ है.
2014 से है अनिवार्य : सरकारी स्कूलों में 2014 से ही कंप्यूटर की
शिक्षा तमाम शिक्षक और उसके बाद छात्राें काे दी जाना अनिवार्य है. इसके
लिए कई चरणों में स्कूलों में कंप्यूटर भी लगाये गये. कई स्कूलों में
शिक्षकों की भी नियुक्ति हुई. लेकिन, कंप्यूटर की शिक्षा पूरी नहीं की जा
सकी.
हर हाइस्कूल में कंप्यूटर शिक्षा है अनिवार्य
कंप्यूटर अभी मेन कोर्स में शामिल नहीं है. लेकिन, कंप्यूटर की शिक्षा
हर छात्र के लिए अनिवार्य है. अभी भी आधे से अधिक स्कूलों में कंप्यूटर के
शिक्षक ही नहीं है. अभी वर्तमान में केवल 25 स्कूलों में ही कंप्यूटर के
शिक्षक हैं.
डाॅ अशोक कुमार, डीपीओ
कंप्यूटर तो है, पर शिक्षक नहीं
कई स्कूल तो ऐसे हैं, जहां पर कंप्यूटर तो है, पर शिक्षक नहीं है.
कंप्यूटर खरीद कर ऐसे ही पड़ा हुआ है. जिला शिक्षा कार्यालय की मानें, तो
कई स्कूलों में कंप्यूटर तो लगाये गये. लेकिन, सही से रखरखाव नहीं होने के
कारण कंप्यूटर की चोरी भी हो गयी. ऐसे कई स्कूलों से शिकायत जिला शिक्षा
कार्यालय को मिला है, जहां से कंप्यूूटर की चोरी हो गयी है. इसके लिए
स्कूलों ने संबंधित थानों में प्राथमिकी भी दर्ज की है.
मूल्यांकन के लिए शिक्षकों को बिहार बोर्ड दे रहा ट्रेनिंग
मैट्रिक और इंटर की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में जिन शिक्षकों को
लगाया जायेगा. उन्हें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से कंप्यूटर की
ट्रेनिंग दी जायेगी. इसके लिए समिति कार्यालय शिक्षकों का ग्रुप तैयार किया
गया है. ग्रुप वाइज शिक्षकों को कंप्यूटर बेस्ड मूल्यांकन की ट्रेनिंग दी
जायेगी. इसके अलावा जिन कंप्यूटर पर शिक्षक मूल्यांकन करेंगे, उसका का
इंतजाम बिहार बोर्ड ही करेगा.