लखीसराय। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रखंड के प्लस टू विद्यालयों
में शैक्षणिक व्यवस्था पटरी पर नहीं आई है। उच्च विद्यालयों को उत्क्रमित
कर उसे प्लस टू का दर्जा दिया गया है। लेकिन कहीं भवन है तो शिक्षक नहीं और
कहीं शिक्षक हैं तो भवन नहीं।
ऐसे में अगले वर्ष फरवरी में आयोजित इंटर की परीक्षा में परीक्षार्थी क्या लिखेंगे ये ¨चता का विषय बना हुआ है। पब्लिक उच्च विद्यालय सूर्यगढ़ा को भी प्लस टू का दर्जा मिल गया है। पठन-पाठन शुरू किए जाने का दावा भी किया जा रहा है। लेकिन उक्त विद्यालय में प्लस टू की पढ़ाई के लिए अपना भवन नहीं है। विषयवार शिक्षक भी मौजूद नहीं हैं। प्लस टू के शिक्षक के रूप में मात्र हिन्दी एवं कम्प्यूटर के शिक्षक हैं। जबकि वर्ष 2015-17 की बारहवीं कक्षा की मुख्य परीक्षा में इंटर विज्ञान संकाय में 93 एवं कला में 13 सहित कुल 106 छात्र भाग लेंगे। प्रभारी प्रधानाध्यापक मु. ममशाद अंसारी ने विषयवार शिक्षकों की कमी की बात कही है। कमरे के अभाव में उच्च विद्यालय के चार बड़ा कमरा को वर्तमान में प्लस टू के वर्ग कक्ष के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मैट्रिक में 372 एवं नवमी में 425 छात्र हैं। यही हाल प्लस टू उच्च विद्यालय मानो-रामपुर का है। जहां वर्ष 2014 में प्लस टू की पढ़ाई शुरू की गई है। चार शिक्षकों के सहारे पठन-पठान कराया जा रहा है। प्रधानाध्यापक आनन्दी ¨सह की मानें तो वर्तमान में प्लस टू के शिक्षक के रूप में इतिहास के प्रशांत कुमार पंकज, राजनीति शास्त्र में निधि राज, हिन्दी में निभा कुमारी एवं म्यूजिक में स्मिता है। जबकि विद्यालय में इंटर विज्ञान संकाय में 118 एवं कला में 30 सहित कुल 148 छात्र-छात्रा अध्ययनरत है। प्लस टू का भवन अब तक अर्द्धनिर्मित है। अब सवाल यह उठता है कि विद्यालय में इंटर विज्ञान संकाय की पढ़ाई होती है लेकिन इस संकाय में एक भी शिक्षक नहीं हैं। प्रखंड क्षेत्र के परियोजना बालिका उच्च विद्यालय सूर्यगढ़ा, मानो, अलीनगर, माणिकपुर, कजरा, घोसैठ, अभयपुर, अमरपुर की भी यही स्थिति है। यहां बना शिक्षक एवं भवन के ही छात्र-छात्रा पढ़ाई करके परीक्षा पास भी कर रहे हैं।
ऐसे में अगले वर्ष फरवरी में आयोजित इंटर की परीक्षा में परीक्षार्थी क्या लिखेंगे ये ¨चता का विषय बना हुआ है। पब्लिक उच्च विद्यालय सूर्यगढ़ा को भी प्लस टू का दर्जा मिल गया है। पठन-पाठन शुरू किए जाने का दावा भी किया जा रहा है। लेकिन उक्त विद्यालय में प्लस टू की पढ़ाई के लिए अपना भवन नहीं है। विषयवार शिक्षक भी मौजूद नहीं हैं। प्लस टू के शिक्षक के रूप में मात्र हिन्दी एवं कम्प्यूटर के शिक्षक हैं। जबकि वर्ष 2015-17 की बारहवीं कक्षा की मुख्य परीक्षा में इंटर विज्ञान संकाय में 93 एवं कला में 13 सहित कुल 106 छात्र भाग लेंगे। प्रभारी प्रधानाध्यापक मु. ममशाद अंसारी ने विषयवार शिक्षकों की कमी की बात कही है। कमरे के अभाव में उच्च विद्यालय के चार बड़ा कमरा को वर्तमान में प्लस टू के वर्ग कक्ष के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मैट्रिक में 372 एवं नवमी में 425 छात्र हैं। यही हाल प्लस टू उच्च विद्यालय मानो-रामपुर का है। जहां वर्ष 2014 में प्लस टू की पढ़ाई शुरू की गई है। चार शिक्षकों के सहारे पठन-पठान कराया जा रहा है। प्रधानाध्यापक आनन्दी ¨सह की मानें तो वर्तमान में प्लस टू के शिक्षक के रूप में इतिहास के प्रशांत कुमार पंकज, राजनीति शास्त्र में निधि राज, हिन्दी में निभा कुमारी एवं म्यूजिक में स्मिता है। जबकि विद्यालय में इंटर विज्ञान संकाय में 118 एवं कला में 30 सहित कुल 148 छात्र-छात्रा अध्ययनरत है। प्लस टू का भवन अब तक अर्द्धनिर्मित है। अब सवाल यह उठता है कि विद्यालय में इंटर विज्ञान संकाय की पढ़ाई होती है लेकिन इस संकाय में एक भी शिक्षक नहीं हैं। प्रखंड क्षेत्र के परियोजना बालिका उच्च विद्यालय सूर्यगढ़ा, मानो, अलीनगर, माणिकपुर, कजरा, घोसैठ, अभयपुर, अमरपुर की भी यही स्थिति है। यहां बना शिक्षक एवं भवन के ही छात्र-छात्रा पढ़ाई करके परीक्षा पास भी कर रहे हैं।