खगड़िया। जिला में शिक्षा की स्थिति किसी से भी छुपी हुई नहीं है। यहां
भगवान भरोसे शिक्षा व्यवस्था है। सूत्रों के अनुसार अधिकारियों की लापरवाही
और लालफीताशाही के कारण ऐसी स्थिति बनी हुई है।
शिक्षा विभाग में एक से बढ़कर एक कारनामें सामने आते रहे हैं। उसी कारनामें एक कारनाम बिना रिक्ती वाले विद्यालय में शिक्षक के पदस्थापन की है। जिसे लेकर अधिकारी व शिक्षकों के बीच ही खिंचातानी हो रही है। सबसे अहम बात यह है कि जिस प्राथमिक विद्यालय मीरगंज में एक शिक्षक को वर्तमान डीइओ द्वारा स्थानांतरित कर पदस्थापित किया गया है, वहा रिक्ती नहीं है। इसका खुलासा पूर्व के डीइओ के आदेश से हुआ है। अब सवाल उठता है कि वर्तमान डीइओ डॉ. ब्रजकिशोर सिंह ने तब कैसे उक्त शिक्षक की पदस्थापन कर दी।
क्या है मामला
नगर पंचायत गोगरी जमालपुर के वार्ड संख्या- 8 स्थित प्राथमिक विद्यालय मीरगंज में बेलदौर के मध्य विद्यालय इतमादी के शिक्षक नवल किशोर सिंह को विभागीय स्तर पर डीइओ ने अपने पत्रांक 1542, दिनांक 24- 06- 2016 के माध्यम से स्थानांतरित कर भेजा है। जबकि प्राथमिक विद्यालय मीरगंज में मैट्रिक प्रशिक्षित सहायक शिक्षक का पद सत्र 2012-13 में ही समाप्त हो गया है। इसकेबावजूद यहां इस पद के लिए उक्त शिक्षक को स्थानांतरित कर भेज दिया गया है। इसका प्रमाण यह भी है कि वर्ष 2013 में तत्कालीन डीइओ द्वारा प्राथमिक विद्यालय मीरगंज में चौथम से एक शिक्षक को स्थानांतरित कर भेजा गया था। मगर रिक्ती की समस्या को देखते हुए डीइओ ने पुन: आदेश देते हुए उक्त शिक्षक का पदस्थापन मीरगंज के स्थान पर मध्य विद्यालय उसरी में किया था। वहीं अब पुन: वर्तमान डीइओ द्वारा प्राथमिक विद्यालय मीरगंज में इतमादी के शिक्षक नवल किशोर सिंह को स्थानांतरित कर भेजा गया है। हालाकि अब तक उक्त शिक्षक ने प्राथमिक विद्यालय मीरगंज में अपना योगदान नहीं दिया है। कारण, वर्तमान प्रधानाध्यापक ने वस्तुस्थिति की जानकारी डीइओ को देने के साथ ही उनसे मार्गदर्शन भी मांगा है। प्रधानाध्यापक ने कहा कि मार्गदर्शन मिलने के बाद ही वे स्थानांतरित होकर आए शिक्षक का विद्यालय में योगदान कराएंगे। इधर, विभागीय सूत्रों की माने तो '34 हजार 500' में नियुक्त शिक्षकों का स्थानांतरण भी अवैध है। वहीं सूत्रों के अनुसार जिस शिक्षक को स्थानांतरित कर मीरगंज भेजा गया है उनके विरूद्ध इतमादी के लोगों ने जब विभागीय अधिकारी को आवेदन देकर जाच व कार्रवाई की माग की, तो मिलीभगत से स्थानांतरण ही कर दिया गया।
क्या कहते हैं गोगरी बीइओ इंद्रकांत सिंह
'स्थानांतरण का सूचना पत्र उन्हें मिला। इसे लेकर मीरगंज के प्रधानाध्यापक को योगदान कराने का निर्देश दे चुके हैं। स्थानांतरित शिक्षक बीआरसी में योगदान दे चुके हैं। रिक्ती नहीं होने के संदर्भ में वे जानकारी लेंगे। वैसे मामले में वरीय अधिकारी ही कुछ कह सकते हैं।'
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शिक्षा विभाग में एक से बढ़कर एक कारनामें सामने आते रहे हैं। उसी कारनामें एक कारनाम बिना रिक्ती वाले विद्यालय में शिक्षक के पदस्थापन की है। जिसे लेकर अधिकारी व शिक्षकों के बीच ही खिंचातानी हो रही है। सबसे अहम बात यह है कि जिस प्राथमिक विद्यालय मीरगंज में एक शिक्षक को वर्तमान डीइओ द्वारा स्थानांतरित कर पदस्थापित किया गया है, वहा रिक्ती नहीं है। इसका खुलासा पूर्व के डीइओ के आदेश से हुआ है। अब सवाल उठता है कि वर्तमान डीइओ डॉ. ब्रजकिशोर सिंह ने तब कैसे उक्त शिक्षक की पदस्थापन कर दी।
क्या है मामला
नगर पंचायत गोगरी जमालपुर के वार्ड संख्या- 8 स्थित प्राथमिक विद्यालय मीरगंज में बेलदौर के मध्य विद्यालय इतमादी के शिक्षक नवल किशोर सिंह को विभागीय स्तर पर डीइओ ने अपने पत्रांक 1542, दिनांक 24- 06- 2016 के माध्यम से स्थानांतरित कर भेजा है। जबकि प्राथमिक विद्यालय मीरगंज में मैट्रिक प्रशिक्षित सहायक शिक्षक का पद सत्र 2012-13 में ही समाप्त हो गया है। इसकेबावजूद यहां इस पद के लिए उक्त शिक्षक को स्थानांतरित कर भेज दिया गया है। इसका प्रमाण यह भी है कि वर्ष 2013 में तत्कालीन डीइओ द्वारा प्राथमिक विद्यालय मीरगंज में चौथम से एक शिक्षक को स्थानांतरित कर भेजा गया था। मगर रिक्ती की समस्या को देखते हुए डीइओ ने पुन: आदेश देते हुए उक्त शिक्षक का पदस्थापन मीरगंज के स्थान पर मध्य विद्यालय उसरी में किया था। वहीं अब पुन: वर्तमान डीइओ द्वारा प्राथमिक विद्यालय मीरगंज में इतमादी के शिक्षक नवल किशोर सिंह को स्थानांतरित कर भेजा गया है। हालाकि अब तक उक्त शिक्षक ने प्राथमिक विद्यालय मीरगंज में अपना योगदान नहीं दिया है। कारण, वर्तमान प्रधानाध्यापक ने वस्तुस्थिति की जानकारी डीइओ को देने के साथ ही उनसे मार्गदर्शन भी मांगा है। प्रधानाध्यापक ने कहा कि मार्गदर्शन मिलने के बाद ही वे स्थानांतरित होकर आए शिक्षक का विद्यालय में योगदान कराएंगे। इधर, विभागीय सूत्रों की माने तो '34 हजार 500' में नियुक्त शिक्षकों का स्थानांतरण भी अवैध है। वहीं सूत्रों के अनुसार जिस शिक्षक को स्थानांतरित कर मीरगंज भेजा गया है उनके विरूद्ध इतमादी के लोगों ने जब विभागीय अधिकारी को आवेदन देकर जाच व कार्रवाई की माग की, तो मिलीभगत से स्थानांतरण ही कर दिया गया।
क्या कहते हैं गोगरी बीइओ इंद्रकांत सिंह
'स्थानांतरण का सूचना पत्र उन्हें मिला। इसे लेकर मीरगंज के प्रधानाध्यापक को योगदान कराने का निर्देश दे चुके हैं। स्थानांतरित शिक्षक बीआरसी में योगदान दे चुके हैं। रिक्ती नहीं होने के संदर्भ में वे जानकारी लेंगे। वैसे मामले में वरीय अधिकारी ही कुछ कह सकते हैं।'
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