आरा/सहार :
प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुसलिम टोला पेरहाप में अवैध
ढंग से शिक्षक नियोजन का मामला प्रकाश में आते ही शिक्षा माफियाओं में
हड़कंप मच गया है. बैंक प्रबंधन की सूझबूझ के बाद छह शिक्षकों की फर्जी
नियुक्ति का राज खुल सका.
इसके बाद बीडीओ दीपचंद जोशी ने दोषी छह शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक पर स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराया है. इस घटना के बाद से पिछले दरवाजे से बहाल अनेकों शिक्षकों व शिक्षा माफियाओं में भय व्याप्त हो गया है.
बता दें कि प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुसलिम टोला पेरहाप में प्रभारी प्रधानाध्यापक विमल कुमार विश्वकर्मा की अनुशंसा पर बरूही निवासी नवल कुमार, सखुआना निवासी अशोक कुमार प्रिसदर्शी, सखुआना निवासी अर्पणा कुमारी, सखुआना निवासी पूनम कुमारी, सहार निवासी वंदना कुमारी, शाहगंज औरंगाबाद निवासी आरती रानी को अवैध ढंग से शिक्षक नियुक्त करते हुए वेतन के लिए बैंक में कागज भेजा गया था, जहां बैंक प्रबंधक एवं बीडीओ की सूझबूझ के कारण मामला प्रकाश में आया.
इसके बाद बीडीओ द्वारा शिक्षकों पर मामला दर्ज कराया गया. बीडीओ दीपचंद जोशी ने बताया कि नियोजन वर्ष 2012 के नाम पर नियुक्ति तिथि 26.06.2014 के आधार पर नियोजित शिक्षकों को माहवार लिस्ट डेविट फार्म पर मेरे हस्ताक्षर की नकल कर कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को भेजा गया था, जहां पत्रांक 4010, दिनांक 06.11.15 को मानदेय भुगतान के लिए पंजाब नैशनल बैंक, स्टेशन रोड, आरा का भेजा गया था, जिसमें प्रति शिक्षक के 27-27 हजार रुपये की राशि भुगतान होनी थी. इस पर जांच के बाद मामला दर्ज कराया गया है. थानाध्यक्ष बीके ब्रजेश ने बताया कि छह शिक्षकों के साथ प्रधानाध्यापक पर भी बीडीओ द्वारा मामला दर्ज कराया गया है. इस पर जांच करते हुए कार्रवाई की जायेगी.
इसके बाद बीडीओ दीपचंद जोशी ने दोषी छह शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक पर स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराया है. इस घटना के बाद से पिछले दरवाजे से बहाल अनेकों शिक्षकों व शिक्षा माफियाओं में भय व्याप्त हो गया है.
बता दें कि प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुसलिम टोला पेरहाप में प्रभारी प्रधानाध्यापक विमल कुमार विश्वकर्मा की अनुशंसा पर बरूही निवासी नवल कुमार, सखुआना निवासी अशोक कुमार प्रिसदर्शी, सखुआना निवासी अर्पणा कुमारी, सखुआना निवासी पूनम कुमारी, सहार निवासी वंदना कुमारी, शाहगंज औरंगाबाद निवासी आरती रानी को अवैध ढंग से शिक्षक नियुक्त करते हुए वेतन के लिए बैंक में कागज भेजा गया था, जहां बैंक प्रबंधक एवं बीडीओ की सूझबूझ के कारण मामला प्रकाश में आया.
इसके बाद बीडीओ द्वारा शिक्षकों पर मामला दर्ज कराया गया. बीडीओ दीपचंद जोशी ने बताया कि नियोजन वर्ष 2012 के नाम पर नियुक्ति तिथि 26.06.2014 के आधार पर नियोजित शिक्षकों को माहवार लिस्ट डेविट फार्म पर मेरे हस्ताक्षर की नकल कर कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को भेजा गया था, जहां पत्रांक 4010, दिनांक 06.11.15 को मानदेय भुगतान के लिए पंजाब नैशनल बैंक, स्टेशन रोड, आरा का भेजा गया था, जिसमें प्रति शिक्षक के 27-27 हजार रुपये की राशि भुगतान होनी थी. इस पर जांच के बाद मामला दर्ज कराया गया है. थानाध्यक्ष बीके ब्रजेश ने बताया कि छह शिक्षकों के साथ प्रधानाध्यापक पर भी बीडीओ द्वारा मामला दर्ज कराया गया है. इस पर जांच करते हुए कार्रवाई की जायेगी.
बैंक में राशि की निकासी के दौरान खुला राज
प्रधानाध्यापक समेत सभी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज
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