शिक्षक बनाने के नाम पर ले रहा था पैसा, कैमूर का रहनेवाला है गिरफ्तार धीरेंद्र
नाम बदल कर करता था जालसाजी का धंधा
राजपुर : शिक्षक बनाने के नाम पर जालसाज ने एक युवक से करीब साढ़े चार
लाख रुपये वसूल कर लिया. इस मामले में पुलिस ने जालसाज को दबोच लिया है़
गिरफ्तार जालसाज धीरेंद्र शर्मा कैमूर जिला के चैनपुर थाना के कुंडी गांव
का रहनेवाला है. उसकी गिरफ्तारी रविवार को उसके घर से की गयी. राजपुर
थानाध्यक्ष राकेश कुमार ने बताया कि धीरेंद्र शर्मा द्वारा नौकरी दिलाने के
नाम पर बेरोजगार युवकों को ठगने का काम किया जा रहा था़
इसी क्रम में उसने बसही गांव के रहनेवाले कंचन साह को शिक्षक बनाने का
झांसा देकर उससे करीब साढ़े चार लाख रुपये ठग लिया. थानाध्यक्ष ने बताया
कि वह नाम बदलकर जालसाजी का धंधा करता था. इस दौरान वह अपने को अशोक कुमार
बताकर पैसा वसूल करता था. पैसे का लेनदेन हमेशा वह बैंक खाते के माध्यम से
करता था. इस मामले को लेकर ठगी के शिकार कंचन के पिता शिवपूजन साह के बयान
पर राजपुर थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी,
उसमें कहा गया था कि शिक्षक बनाने के नाम पर उसने संपर्क किया. उसके
बाद कई किस्तों में अबतक चार लाख तीस हजार रुपये वसूल कर चुका है. पैसा
देने के बावजूद जब नौकरी नहीं मिली, तो उससे पैसे की मांग की गयी. इस पर वह
टालमटोल करने लगा. छानबीन के बाद रविवार को उसको गिरफ्तार कर लिया गया.
थानाध्यक्ष के अनुसार उससे पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के बाद ही स्पष्ट
हो पायेगा कि अबतक वह कितने बेरोजगारों को अपना शिकार बना चुका है.
जांच टीम होगी गठित , दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
जेल में पहले भी कुख्यात अपराधियों के पास से मोबाइल मिले हैं. इससे
जिले की सुरक्षा व्यवस्था को खतरा पहुंच सकता है. अपराधियों तक मोबाइल फोन
कैसे पहुंचे, इसकी जांच करायी जायेगी. इसके लिए जल्द ही टीम गठित होगी.
जांचोपरांत दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. यह एक गंभीर मामला
है़ इसमें जो भी दोषि पायेंगे जायेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी, इसे
लेकर किसी भी तरह का कोताही नहीं बरती जायेगी, जिससे अपराधियों का व
लापरवाह कर्मियों का हिम्मत बढ़े.
रमण कुमार, जिलािधकारी, बक्सर
जेल का कोई कर्मी अपराधियों से मिला हुआ है
जेल प्रशासन की लापरवाही और अधिकारियों या कर्मियों की मिली भगत को
नकारा नहीं जा सकता है. ऐसी सूचना मिली है कि कोई जेल का कर्मी अपराधियों
से मिला हुआ है, जो इन तक जरूरत का सामान पहुंचाता है. साथ ही, उनके मोबाइल
के चार्ज करने की व्यवस्था भी करता है. जेल के अंदर इतने फोन का मिलना
अपने आप में एक बड़ी बात है. ऐसे लोगों को चिह्नित किया जा रहा है. इसके
लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जायेगा.
संजय कुमार चौधरी,जेल अधीक्षक
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