नालंदा। छह वर्ष पूर्व द्वितीय चरण के शिक्षक नियोजन 2008 में अनुसूचित
जाति के एक अप्रशिक्षित आवेदक व सदु बिगहा निवासी अवधेश पासवान को सबसे
ज्यादा अंक होने के बावजूद काउंस¨लग कराकर नियोजन पत्र नहीं दिया गया। इस
बारे में आवेदक ने जब सूचना के अधिकार का इस्तेमाल किया तो यह पुष्टि हुई
कि सर्वाधिक अंक के बावजूद उनका नियोजन नहीं हुआ।
अब वे इस सूचना को अपने साथ हुई नाइंसाफी का आधार बना रहे हैं। इस संबंध में आवेदक अवधेश पासवान ने बताया कि पूर्व लोक सूचना पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा प्राप्त सूचना (पत्रांक 93) में कहा गया है कि शिक्षक नियोजन पंजी में 24 जनवरी 09 की हुई काउंस¨लग पंजी का अवलोकन करने पर स्पष्ट हुआ कि अवधेश पासवान की शिक्षक पद के लिए काउंस¨लग कराई गई थी। लेकिन बाद में मेधा सूची में नाम शामिल नहीं किया गया। सूचना में बताया गया कि अजा कोटि में किसी अप्रशिक्षित पुरुष आवेदक की नियुक्ति नहीं की गई लेकिन वास्तविकता यह है की अप्रशिक्षित कोटि के दूसरे आधा दर्जन अजा, अजजा व पिछड़ा वर्ग के जिन लोगों का नाम मेधा सूची में शामिल था उन्हें नियोजन पत्र दिया गया। अवधेश पासवान का कहना है कि अजा कोटे में कुल चार सीट होने के बावजूद उन्हें नियोजन पत्र नहीं दिया गया। गत लगभग 6 वर्षों से अपनी नियुक्ति के लिए वे प्रखंड स्तर से उच्च अधिकारी तक गुहार लगाने के बावजूद दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चयन के एवज में सेवा शुल्क मांगे जाने पर उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। अन्य आवेदकों का नियोजन कर आवेदक का मामला लटकाने के मामले पर कोई पदाधिकारी मुंह नहीं खोल रहा है।
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