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साले के प्रमाणपत्र पर नौकरी का मामला झूठा

नालंदा। नगरनौसा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय अशरफपुर में साले के प्रमाणपत्र पर नौकरी की बात को सहायक शिक्षक दयानंद प्रसाद ने खारिज कर दिया है। ये बातें आरोपी सहायक दयानंद प्रसाद ने एक दैनिक समाचार पत्र (दैनिक जागरण नहीं) में खबर प्रकाशित को लेकर पत्रकार को बताया कि मेरे बड़े भाई जय प्रकाश द्वारा मेरे खिलाफ जिलाधिकारी के यहां जो शिकायत दर्ज करायी गयी है
जो दुर्भावना से प्रेरित है। शिक्षक का कहना है कि मेरे उपर लगाए गए सभी आरोप की जांच के लिए मैं तैयार हूं।
शिक्षक ने कहा कि मेरे पिता स्व. सखीचंद प्रसाद जो मध्य विद्यालय महमदपुर में सहायक शिक्षक थे। जिनकी मृत्यु हो गई थी। उसी के आलोक में मुझे अनुकम्पा के आधार पर मध्य विद्यालय अशरफपुर में सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति हुआ है। जहां तक साले के प्रमाणपत्र पर नौकरी की बात है तो गलत है। मैंने वर्ष 2010 में उच्च विद्यालय बरेव (नवादा) से मैट्रिक की परीक्षा दी थी। जिसमें प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास किया था। जिसका रौल कोड 8206, क्रम संख्या (नामांक) 0408, वर्ष 2010, पंजीयन संख्या 31282, वर्ष 09 है। जिसमें माता का नाम जमुनी देवी, पिता सखीचंद प्रसाद माधोपुर चंडी है। शिक्षक ने यह भी बताया की मेरे प्रमाणपत्र का सत्यापन मेरे विद्यालय के प्रधानाध्यापक सतीश प्रसाद ने अपने विद्यालय पत्रांक संख्या 16, दिनांक 11-5-16 को डाक के माध्यम से बरेव विद्यालय के प्रधानाध्यापक को भेजा गया था। जिसमें बरेव के प्रधानाध्यापक ने प्रमाणपत्रों का सत्यापन विद्यालय के अभिलेख से मिलान किया था। जिसमें सही पाकर मध्य विद्यालय असरफपुर के प्रधानाध्यापक सतीश प्रसाद को अपने पत्रांक संख्या 34, दिनांक 18.5.16 के द्वारा प्रमाण पत्र का सत्यापन कर भेजा गया था।

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