खगड़िया। शिक्षा विभाग में इंटर टॉपर्स घोटाला की आग अभी बुझी नहीं है कि
खगड़िया के शिक्षा विभाग में भी शिक्षा माफियाओं द्वारा शिक्षकों के तबादले
में मनचाहे विद्यालय में पदस्थापन को लेकर लाखों रुपये की उगाही की बात
सामने आने लगी है।
सूत्रों की मानें तो शहर के आसपास व चर्चित विद्यालयों में प्रधान व सहायक शिक्षक बनने की होड़ मची हुई है। कई शिक्षकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर इतना बताया कि मुंहमांगी रकम नहीं देने के कारण उनलोगों का सूची से नाम हट सकता है। ऐसे शिक्षकों ने अवैध व मोटी उगाही पर विराम लगाने को लेकर डीएम से हस्तक्षेप की मांग की गई है। ऐसे शिक्षकों का यह भी कहना है कि डीएम सूची को मंगाकर लॉट्री सिस्टम से शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया अपनाएं तो शिक्षा माफियाओं की मंशा पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। सूत्रों का कहना है कि ऐसे 72 शिक्षकों को मनचाहे विद्यालय की कमान संभालने की सूची विभाग द्वारा तैयार की गई है। अगले सप्ताह में इस पर अंतिम मुहर लग जाएगी।
सूत्र का यह भी कहना है कि उन विद्यालयों में पदस्थापन को लेकर डेढ़ से दो लाख तक का डाक पहुंच गया है, मध्य विद्यालय को माध्यमिक विद्यालयों में उत्क्रमित किया गया है। मालूम हो कि तत्कालीन डीईओ अजीत सिंह के समय भी 'पदस्थापन उद्योग' के कारण ही स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज करानी पड़ी थी और इससे शिक्षा विभाग की काफी बदनामी हुई थी।
इधर, जिला शिक्षा पदाधिकारी डा. ब्रज किशोर सिंह के अनुसार तबादला सूची का वे बारीकी से अवलोकन कर रहे हैं। इस तरह के मामले सामने आने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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सूत्र का यह भी कहना है कि उन विद्यालयों में पदस्थापन को लेकर डेढ़ से दो लाख तक का डाक पहुंच गया है, मध्य विद्यालय को माध्यमिक विद्यालयों में उत्क्रमित किया गया है। मालूम हो कि तत्कालीन डीईओ अजीत सिंह के समय भी 'पदस्थापन उद्योग' के कारण ही स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज करानी पड़ी थी और इससे शिक्षा विभाग की काफी बदनामी हुई थी।
इधर, जिला शिक्षा पदाधिकारी डा. ब्रज किशोर सिंह के अनुसार तबादला सूची का वे बारीकी से अवलोकन कर रहे हैं। इस तरह के मामले सामने आने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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