पटना। बिहार के मटुकनाथ को कोई नहीं भूला है। जिस तरह से जूली संग शादी रचाये जाने के बवाल उपजा था, उसे पूरी दुनिया ने देखा था। एक और शिक्षक उसी राम पर चल पड़े, लेकिन क्या करें, जनता को उनका यह कारनामा पसंद नहीं आया तो लोगों ने उन्हें जूतों की माला पहना कर आंशिक रूप से गंजा कर दिया।
नगरनौसा प्रखंड के रामपुर पंचायत अंतर्गत तिनिलोदीपुर गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के शिक्षक शैलेंद्र कुमार ने आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा नीलम (काल्पनिक नाम) को अपने प्रेम जाल में फंसा कर फरार हो गया और शहर से दूर एक मंदिर में जाकर उससे शादी रचा ली। शादी को गांव वालों और परिवार ने स्वीकार नहीं किया। जब गुरुजी गांव वालों के हत्थे चढ़े, तो हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। शिक्षक का सिर मुंडन करवाते हुए चप्पलों का माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया गया।
और तो और पिटाई के दौरान शिक्षक के कपड़े फाड़कर उसे अर्द्धनग्न कर दिया गया। चेहरे पर कालिख भी पोती गई। गुस्साई महिलाओं ने झाड़ू से शिक्षक की पिटाई की। घटना की भनक मिलते ही चार थानों की पुलिस दलबल के साथ मौके पर पहुंच गई और ग्रामीणों के कब्जे से शिक्षक को मुक्त कराया। शिक्षक को मुक्त कराने में पुलिस को काफी पसीना बहाना पड़ा।
क्या है घटना
शिक्षक शैलेंन्द्र कुमार ने वर्ष 2011 में नियाजित शिक्षक के रूप में योगदान दिया था। शिक्षक ने 8 वीं कक्षा की क्षात्रा को प्रेम जाल में फांस लिया। 8वीं पास करने के बाद छात्रा ने अपना नामाकन नगरनौसा उच्च विद्यालय में कराया। 23 मई को शिक्षक छात्रा को अपने साथ लेकर फरार हो गया। छात्रा के पिता ने शिक्षक को आरोपित कर पुत्री के अपहरण की प्राथमिकी नगरनौसा थाने में दर्ज कराई थी।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए घटना के तीन दिन बाद छात्रा को बरामद कर लिया। छात्रा ने न्यायालय में 164 के तहत दिए बयान में बताया कि वह शिक्षक के साथ पत्नी बनकर रहना चाहती है। जिस पर न्यायालय के आदेश पर छात्रा को शिक्षक के सुपुर्द कर दिया गया। अब क़ानूनी रूप से क्या हो सकता है यह न्यायालय का मामला है।
क्या कहती है ग्रामीण महिलाएं
वही ग्रामीण अनिषा खातून, विद्या भारती, अंजली देवी, सविता देवी, विद्यालय समिति की सचिव अंजू कुमारी समेत अन्य ने बताया कि चरित्रहीन शिक्षक समाज के लिए कैंसर है। इस घटना के बाद से बच्चियों को स्कूल भेजने में भी डर लग रहा है। चरित्रहीन शिक्षक बच्चियों को कैसी शिक्षा देगा इसका उदाहरण यह घटना है। अब आप ही बताएं कि ऐसे कारनामों के बाद गुरु की इमेज कितनी सेफ रह पाएगी। किसी एक की गलती की सजा पूरा टीचर्स समाज क्यों भुगते। सोचना तो पड़ेगा साहब।
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नगरनौसा प्रखंड के रामपुर पंचायत अंतर्गत तिनिलोदीपुर गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के शिक्षक शैलेंद्र कुमार ने आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा नीलम (काल्पनिक नाम) को अपने प्रेम जाल में फंसा कर फरार हो गया और शहर से दूर एक मंदिर में जाकर उससे शादी रचा ली। शादी को गांव वालों और परिवार ने स्वीकार नहीं किया। जब गुरुजी गांव वालों के हत्थे चढ़े, तो हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। शिक्षक का सिर मुंडन करवाते हुए चप्पलों का माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया गया।
और तो और पिटाई के दौरान शिक्षक के कपड़े फाड़कर उसे अर्द्धनग्न कर दिया गया। चेहरे पर कालिख भी पोती गई। गुस्साई महिलाओं ने झाड़ू से शिक्षक की पिटाई की। घटना की भनक मिलते ही चार थानों की पुलिस दलबल के साथ मौके पर पहुंच गई और ग्रामीणों के कब्जे से शिक्षक को मुक्त कराया। शिक्षक को मुक्त कराने में पुलिस को काफी पसीना बहाना पड़ा।
क्या है घटना
शिक्षक शैलेंन्द्र कुमार ने वर्ष 2011 में नियाजित शिक्षक के रूप में योगदान दिया था। शिक्षक ने 8 वीं कक्षा की क्षात्रा को प्रेम जाल में फांस लिया। 8वीं पास करने के बाद छात्रा ने अपना नामाकन नगरनौसा उच्च विद्यालय में कराया। 23 मई को शिक्षक छात्रा को अपने साथ लेकर फरार हो गया। छात्रा के पिता ने शिक्षक को आरोपित कर पुत्री के अपहरण की प्राथमिकी नगरनौसा थाने में दर्ज कराई थी।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए घटना के तीन दिन बाद छात्रा को बरामद कर लिया। छात्रा ने न्यायालय में 164 के तहत दिए बयान में बताया कि वह शिक्षक के साथ पत्नी बनकर रहना चाहती है। जिस पर न्यायालय के आदेश पर छात्रा को शिक्षक के सुपुर्द कर दिया गया। अब क़ानूनी रूप से क्या हो सकता है यह न्यायालय का मामला है।
क्या कहती है ग्रामीण महिलाएं
वही ग्रामीण अनिषा खातून, विद्या भारती, अंजली देवी, सविता देवी, विद्यालय समिति की सचिव अंजू कुमारी समेत अन्य ने बताया कि चरित्रहीन शिक्षक समाज के लिए कैंसर है। इस घटना के बाद से बच्चियों को स्कूल भेजने में भी डर लग रहा है। चरित्रहीन शिक्षक बच्चियों को कैसी शिक्षा देगा इसका उदाहरण यह घटना है। अब आप ही बताएं कि ऐसे कारनामों के बाद गुरु की इमेज कितनी सेफ रह पाएगी। किसी एक की गलती की सजा पूरा टीचर्स समाज क्यों भुगते। सोचना तो पड़ेगा साहब।
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