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सड़क पर उतरे कलम के पुजारी

बेगूसराय(नगर) : दिन के 10 बजे का समय,जीडी कॉलेज के बाहर और भीतर लोगों का हुजूम माथे व हाथ में काला पट्टी लगाकर चेहरे पर मायूसी स्पष्ट रूप से पत्रकारों को अपने साथी राजदेव रंजन को खो देने का गम दिखाई पड़ रहा था. 10 बज कर 30 मिनट पर जीडी कॉलेज का प्रांगण खचाखच भर गया. जिले के पत्रकारों के अलावा जिले के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों, स्कूल-कॉलेज के प्रतिनिधियों, छात्र-छात्राओं समेत अन्य लोगों ने  अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कर पत्रकार हत्याकांड की निंदा की. जिला पत्रकार संघ के द्वारा रविवार को मौन जूलूस का आयोजन किया गया था.  
 
इसमें हजारों की संख्या में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों ने भाग लेकर बिहार सरकार से शहीद पत्रकार राजदेव के हत्यारे को अविलंब गिरफ्तार करने, पीड़ित परिवार को पर्याप्त मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने, पत्रकारों को सुरक्षा की गारंटी करने, बिहार की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने जैसे नारों की लिखी हुई तख्ती हाथ में लेकर प्रदर्शन किया. जीडी कॉलेज से विशाल मौन जुलूस निकल कर  शहर के मेन रोड, नगरपालिका,कचहरी होते हुए आंबेडकर चौक पर पहुंच कर समाप्त हुआ.  इस मौके पर उपस्थित पत्रकारों के अलावा विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने पत्रकार राजदेव को श्रद्धांजलि दी.  मौन जुलूस में शामिल होने के बाद शहर के आंबेडकर चौक पर लोगों को संबोधित करते हुए
 
 बेगूसराय के सांसद डॉ भोला सिंह ने कहा कि राजदेव रंजन एक निष्ठावन पत्रकार थे. वर्षों तक लोगों की आवाज बन कर काम किया. कई बार वे हमले के शिकार हुए लेकिन उस व्यक्ति ने सत्य का दामन नहीं छोड़ा. सांसद ने कहा कि बिहार में  सरकार पोषित अपराध ने सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन को लहुलुहान कर दिया है.  सांसद ने पत्रकार हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री कानून का राज स्थापित करने का राग अलाप रहे हैं और उनके सामने कानून की हत्या हो रही है. सांसद ने कहा कि  जिस राज में पत्रकार की जीभ काटी जा रही हो और जिनकी आत्म को गोलियों से छलनी की जा रही हो  वह भी सत्ता के गलियारों से तो इस राज्य में आम लोगों का क्या होगा.
 
    भाजपा के वरिष्ठ नेता सह शिक्षाविद सर्वेश कुमार ने  कहा कि पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या सभी सोचने वाले लोगों, समझने वाले लोगों, सच को निर्भीकता पूर्वक सच कहने का साहस रखने वाले  लोगों की हत्या है.  राजदेव रंजन की हत्या सीधे तौर पर  अखबार की स्वतंत्रता पर हमला है.  अखबार और पत्रकार जनता के आम हितों की बात उठाते हैं.  सर्वेश कुमार ने कहा कि सरकार को चाहिए कि  इसे एक टेस्ट केस बनाये और  सत्य और जनतंत्र की जीत सुनिश्चित करे. जनवादी लेखक संघ के भगवान प्रसाद सिंह,शिक्षक नेता सुधाकर राय,माकपा नेता अंजनी कुमार सिंह, एस के महिला कॉलेज की प्राचार्या डॉ स्वपना चौधरी, जीडी कॉलेज के प्रो विजय मोहन प्रसाद सिंह,आर्यभट्ट के निदेशक प्रो अशोक कुमार सिंह अमर,ऐलेक्सिया के निदेशक डॉ धीरज
 
शांदिल्या,वीपीएस कंप्यूटर के निदेशक वी एन ठाकुर, बाइट कंप्यूटर के निदेशक संजय कुमार, आशीर्वाद औद्यौगिक प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक अमित रोशन,विद्यार्थी परिषद के अजीत गौतम, शुभम कुमार, एनएसयूआइ के अभिषेक कुमार, टिंकू कुमार,भारद्वाज गुरुकूल के निदेशक शिवप्रकाश भारद्वाज,जिला पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार अमर, टाइटन शो रूम के प्रबंधक शंभु कुमार,कर्मचारी नेता मोहन मुरारी, मो मकसूद, लोजपा जिलाध्यक्ष प्रेम कुमार, प्रभाकर कुमार, एस के सुमन के अलावा पत्रकारों में स्मित पराग,रूपेश कुमार, विपिन कुमार मिश्र, सौरभ कुमार, सुमित वत्स,उत्पल कुमार, सतेंद्र कुमार सिंह, नूर आलम, राजीव कुमार, विजय कुमार, सुंधाशु कुमार,मो खालिद, संजीत श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित थे.

 
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