पटना सिटी : बिहार विद्यालय परीक्षा
समिति द्वारा नौवीं के लिए रजिस्ट्रेशन एवं बोर्ड परीक्षा अनिवार्य होने के
बाद से सरकारी स्कूलों का क्रेज अचानक बढ़ गया है। निजी बोर्ड के साथ
बिहार बोर्ड से भी छात्र-छात्राएं यहां नामांकन कराने एवं बोर्ड परीक्षा
में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं।
आठवीं पास कर नौवीं में पहुंचने वाले विद्यार्थी, सीधे नौवीं में नामांकन लेने तथा निजी के साथ बिहार बोर्ड की परीक्षा भी देने की कोशिश में लगे विद्यार्थियों के कारण सरकारी स्कूलों का जहां महत्व बढ़ा है वहीं कई विवाद भी जुड़ने लगे हैं।
सरकारी स्कूलों में नामांकन को लेकर मची आपाधापी के बीच सीटें कम पड़ने लगी हैं। यहां के शिक्षक तथा कर्मियों के गैर शैक्षणिक कार्य में लगे होने की वजह से सिटी अंचल अन्तर्गत कई सरकारी स्कूलों में नामांकन कार्य भी बाधित है। शैक्षणिक सत्र का चालीस दिन यूं ही गुजर गया है।
प्रधानाध्यापकों का कहना है कि शिक्षक चुनाव, मतगणना व अन्य कार्य में लगे हैं जबकि कर्मियों को राशन-किरासन कूपन से जुड़े कार्य में लगाया है। राजकीयकृत मारवाड़ी उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य पुनीत किशोर रजक ने बताया कि शिक्षक व कर्मियों के न रहने से नामांकन बाधित है। नौवीं में करीब 450 सीटों हैं। नामांकन के लिए बच्चे अधिक पहुंच रहे हैं। यहां तक की शिक्षकों का वेतन भी रुका है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
आठवीं पास कर नौवीं में पहुंचने वाले विद्यार्थी, सीधे नौवीं में नामांकन लेने तथा निजी के साथ बिहार बोर्ड की परीक्षा भी देने की कोशिश में लगे विद्यार्थियों के कारण सरकारी स्कूलों का जहां महत्व बढ़ा है वहीं कई विवाद भी जुड़ने लगे हैं।
सरकारी स्कूलों में नामांकन को लेकर मची आपाधापी के बीच सीटें कम पड़ने लगी हैं। यहां के शिक्षक तथा कर्मियों के गैर शैक्षणिक कार्य में लगे होने की वजह से सिटी अंचल अन्तर्गत कई सरकारी स्कूलों में नामांकन कार्य भी बाधित है। शैक्षणिक सत्र का चालीस दिन यूं ही गुजर गया है।
प्रधानाध्यापकों का कहना है कि शिक्षक चुनाव, मतगणना व अन्य कार्य में लगे हैं जबकि कर्मियों को राशन-किरासन कूपन से जुड़े कार्य में लगाया है। राजकीयकृत मारवाड़ी उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य पुनीत किशोर रजक ने बताया कि शिक्षक व कर्मियों के न रहने से नामांकन बाधित है। नौवीं में करीब 450 सीटों हैं। नामांकन के लिए बच्चे अधिक पहुंच रहे हैं। यहां तक की शिक्षकों का वेतन भी रुका है।