सोलह नए तकनीकी कॉलेजों में इस साल से पढ़ाई शुरू करने में शिक्षकों की कमी विभाग के लिए सिरदर्द बना हुआ है। बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो सकी है। विलंब होने की स्थिति में विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने अतिथि शिक्षकों के सहारे पढ़ाई शुरू कराने की तैयारी की है।
इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए 407 तथा पॉलिटेक्निक कॉलेजों के लिए 468 शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया बिहार लोक सेवा आयोग ने शुरू की है। इंजीनियरिंग कॉलेजों के शिक्षकों की बहाली के लिए जून में साक्षात्कार होगा। वहीं पॉलिटेक्निक कॉलेजों के शिक्षकों की बहाली के लिए साक्षात्कार की तिथि अब तक तय नहीं है।
विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य के सभी नए व पुराने इंजीनिर्यंरग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्रथम वर्ष की कक्षाएं हर हाल में एक अगस्त से शुरू की जानी है। आयोग की ओर से शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया पूरी किए जाने पर आवश्यकता के हिसाब से शिक्षक तैनात कर दिए जाएंगे।
साक्षात्कार की तिथि तय होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए शिक्षकों की बहाली अगस्त से पूर्व होने की उम्मीद है। विलंब की स्थिति में नए इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक में अतिथि शिक्षकों से कक्षाएं शुरू कराई जाएंगी। - अतुल सिन्हा, निदेशक विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग
16 शिक्षकों की जरूरत है प्रत्येक नए कॉलेज में प्रथम वर्ष की पढ़ाई के लिए
12 शिक्षकों की जरूरत है प्रत्येक नए पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रथम वर्ष में
85 स्थाई शिक्षक हैं वर्तमान में राज्य के इंजीनिर्यंरग कॉलेजों में
95 स्थाई शिक्षक हैं राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में
175 के करीब संविदा शिक्षक तैनात हैं इन तकनीकी कॉलेजों में
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इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए 407 तथा पॉलिटेक्निक कॉलेजों के लिए 468 शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया बिहार लोक सेवा आयोग ने शुरू की है। इंजीनियरिंग कॉलेजों के शिक्षकों की बहाली के लिए जून में साक्षात्कार होगा। वहीं पॉलिटेक्निक कॉलेजों के शिक्षकों की बहाली के लिए साक्षात्कार की तिथि अब तक तय नहीं है।
विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य के सभी नए व पुराने इंजीनिर्यंरग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्रथम वर्ष की कक्षाएं हर हाल में एक अगस्त से शुरू की जानी है। आयोग की ओर से शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया पूरी किए जाने पर आवश्यकता के हिसाब से शिक्षक तैनात कर दिए जाएंगे।
साक्षात्कार की तिथि तय होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए शिक्षकों की बहाली अगस्त से पूर्व होने की उम्मीद है। विलंब की स्थिति में नए इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक में अतिथि शिक्षकों से कक्षाएं शुरू कराई जाएंगी। - अतुल सिन्हा, निदेशक विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग
16 शिक्षकों की जरूरत है प्रत्येक नए कॉलेज में प्रथम वर्ष की पढ़ाई के लिए
12 शिक्षकों की जरूरत है प्रत्येक नए पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रथम वर्ष में
85 स्थाई शिक्षक हैं वर्तमान में राज्य के इंजीनिर्यंरग कॉलेजों में
95 स्थाई शिक्षक हैं राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में
175 के करीब संविदा शिक्षक तैनात हैं इन तकनीकी कॉलेजों में