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..यहां चूल्हे पर नहीं कागज पर पकती है खिचड़ी

सहरसा। शिक्षा व्यवस्था को सु²ढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार यहां कई योजनाएं चला रही है। वहीं प्रखंड क्षेत्र में पदस्थापित शिक्षक अपनी मनमर्जी चलाने के लिए तुले हुए हैं। इसका खुलासा तब हुआ, जब शनिवार को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा लगभग एक दर्जन विद्यालय का औचक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण में बंद पाए गए विद्यालयों के बच्चों की मध्याह्न भोजन योजना की रिपोर्ट भेजने की बातें प्रकाश में आयी तो पता चला कि कई ऐसे विद्यालय शामिल हैं जहां शिक्षक तो मौजूद हैं मगर एक भी बच्चे विद्यालय में उपस्थित नहीं हैं। इसके बावजूद उक्त विद्यालय से मध्याह्न भोजन योजना की रिपोर्ट विभाग के पास भेजी जा रही है।
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इन विद्यालय का किया गया निरीक्षण
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प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजेन्द्र ठाकुर 7.05 बजे सुबह प्राथमिक विद्यालय भेलवा पहुंचे तो पूर्णतया बंद पाया गया।
7. 11 बजे मध्य विद्यालय आरण पहुंच निरीक्षण किया तो वहां 16 शिक्षकों में से मात्र छह शिक्षक मौजूद थे। जबकि विद्यालय में एक भी छात्र नहीं मिले। मध्य विद्यालय विशनपुर में 7.20 बजे तक 15 शिक्षकों में मात्र चार शिक्षक मौजूद था तथा 21 बच्चे ही विद्यालय में उपस्थित पाया गया। अधिकारी की टीम 7.32 बजे उत्क्रमित मध्य विद्यालय मेनहा पहुंचे तो दो शिक्षक अनुपस्थित थे, मगर एक भी बच्चे विद्यालय में नहीं थे। 7.50 में मध्य विद्यालय खोनहा का जायजा लिया तो वहाँ 11 शिक्षक उपस्थित थे। मगर एक भी बच्चे विद्यालय में नहीं नहीं थे। हीं नवसृजित प्राथमिक विद्यालय पदमपुर में 8 बजे तक पदस्थापित तीन शिक्षकों में मात्र एक शिक्षक उपस्थित मिले। इस विद्यालय में 40 बच्चे मौजूद थे। 8: 34 बजे तक उत्क्रमित मध्य विद्यालय पनिदाहा में आठ शिक्षकों में मात्र दो शिक्षक उपस्थित थे। जबकि विद्यालय में चार बच्चे ही मौजूद मिले। जबकि 8:45 बजे तक नवसृजित प्राथमिक विद्यालय मकुना बंद पाया गया। अधिकारी की टीम 8.50 बजे प्राथमिकि विद्यालय मनखाही पहुंची तो विद्यालय बंद पाया गया। वहीं 9. 05 बजे तक मध्य विद्यालय मकुना में दो शिक्षक बिना सूचना के फरार थे, तो यहां एक भी छात्र विद्यालय में नहीं थे।
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निरीक्षण के दौरान तीन विद्यालय पूर्णतया बंद पाया गया, जबकि पांच विद्यालय में एक भी छात्र उपस्थित नहीं थे। वहीं कई शिक्षक बिना सूचना के विद्यालय से गायब पाए गए। इनमें कुछ विद्यालय में मध्याह्न भोजन पूर्व से ही बंद होने की बात बताई गई। तो कई विद्यालय द्वारा फर्जी छात्र उपस्थिति दर्ज कर मध्याह्न भोजन का रिपोर्ट भेजे जाने का खुलासा हुआ। जांच प्रतिवेदन जिला कार्यालय भेजा जा रहा है। वरीय पदाधिकारी के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

राजेन्द्र ठाकुर, बीईओ सत्तरकटैया।

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