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नियोजित शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं तो कार्रवाई

शिक्षामंत्री का काम में तेजी लाने का निर्देश
कक्षा एक से स्नातक तक मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
नकल बर्दाश्त नहीं, मैट्रिक से भी अधिक कड़ाई से होगी नौवीं कक्षा की परीक्षा
नौवीं में ग्रेडिंग 10वीं की परीक्षा में मार्किंग

शिक्षाविभाग ने नियोजित शिक्षकों के वेतन मामले में हो रही किरकिरी पर कड़ा रुख अपनाया है। सभी नियोजित शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान के लिए सरकार ने विशेष निर्देश दिया है। लेकिन, अब तक जिलास्तर के पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है। शिक्षामंत्री ने सभी डीईओ डीपीओ को इस मामले में सचेत किया है।

मंत्री ने कहा कि डीईओ डीपीओ कार्य में तेजी लाएं। होली से पहले नियोजित शिक्षकों को वेतन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने विशेष रूप से छुट्टी के दिन ट्रेजरी खुलवाई। जिलों को शिक्षकों के वेतन मद की राशि जारी की। समय पर वेतन भुगतान के लिए केंद्र सरकार द्वारा राशि उपलब्ध कराने की स्थिति में राज्य सरकार ने अपनी तरफ से इसकी व्यवस्था की। इसके बावजूद विभाग को जिलों से वेतन जारी किए जाने की शिकायत मिल रही है। इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हमारी गति काफी तेज है। अगर कोई अधिकारी इस गति के साथ तालमेल बैठा पा रहे हैं तो वे हट जाएं।

संभावित तिथियों का कैलेंडर

ऑनलाइनआवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए खुलेगा ऑनलाइन विंडो : 02मई

आवेदन पत्र प्राप्ति की अंतिम तिथि : 16मई

स्कूलों को प्रवेश पत्र परीक्षार्थियों के उपस्थिति पत्रक कराए जाएंगे उपलब्ध : 25से31मई

गोपनीय सामग्री सभी प्रखंड में निर्धारित स्थल तक पहुंचना : 02-04जून

परीक्षा का आयोजन : 07-09जून

परीक्षाफल का प्रकाशन : 20-25जून

शिक्षा विभाग के मदन मोहन झा सभागार में गुरुवार को डीईओ और डीपीओ के साथ बैठक करते शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी।

छह माह में कैसे पूरा होगा 10वीं कक्षा का सिलेबस

बोर्डद्वारा तैयार नौंवी परीक्षा का कैलेंडर अगर लागू होता है तो 25 जून तक रिजल्ट आएगा। इसके बाद दसवीं कक्षा की पढ़ाई शुरू होगी। मतलब, एक जुलाई से दसवीं कक्षा की कक्षाएं शुरू होती है तो अधिकतम जनवरी के अंत तक इसका आयोजन होगा। इसके बाद बिहार बोर्ड में परीक्षाओं का आयोजन शुरू हो जाएगा। मतलब, छह माह में एक साल का सिलेबस पूरा कराने की चुनौती होगी। इस स्थिति में स्कूल स्तर पर सिलेबस पूरा कराना संभव नहीं हो सकेगा। परीक्षार्थियों को एक बार फिर परीक्षा भवन में प्रश्नों से जूझना पड़ेगा। सरकार के रिजल्ट सुधारने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के तमाम प्रयास इस स्थिति में धरातल पर उतर पाएंगे, इस पर शिक्षक संगठन ही शंका जाहिर कर रहा है।
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