खगड़िया। जी हां, प्रखंड क्षेत्र में एक ऐसा भी विद्यालय है जहां से बिना पढ़ाई के ही विज्ञान संकाय के विद्यार्थी इंटर पास कर रहे हैं। सुनने में अटपटा जरूर लग रहा है, परंतु यही सच्चाई है। हम बात कर रहे हैं प्रखंड क्षेत्र स्थित शिवाधीन महावीर इंटर विद्यालय चौथम की।
विद्यालय को अपना भवन एवं संसाधन होते हुए भी अब तक यह विद्यालय उपेक्षित है। सरकार ने करोड़ों रूपये की लागत से भवन तो तैयार करा दी लेकिन अब तक विज्ञान संकाय में एक अदद शिक्षक की नियुक्ति नहीं हो सकी है। जबकि कला संकाय में मात्र दो शिक्षक ही उपलब्ध है। इसमें भी एक शिक्षक लगातार प्रतिनियोजन पर ही रहते हैं। जिस पर विभाग का ध्यान नहीं जा रहा है। प्रत्येक वर्ष छात्रों का नामांकन तो हो रहा है लेकिन पढ़ाई अब भी विद्यालय से कोसो दूर है। स्थानीय लोगों द्वारा शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी का ध्यान इस ओर कई बार आकृष्ट कराया लेकिन नतीजा अब तक सिफर है।
लोगों के बीच चर्चा है कि विद्यालय में शिक्षकों के बीच गुटबाजी चरम पर है। जिसके कारण विद्यालय में पढ़ाई कम राजनीति ज्यादा हो रही है। ऐसे में अगर स्थानीय लोगों द्वारा शिक्षको पर पढ़ाई का दबाव बनाया जाता है तो कहीं न कहीं से किसी नेताओं का फोन ग्रामीणों के मोबाइल पर आना आरंभ हो जाता है। बताते चलें कि इस विद्यालय में विज्ञान संकाय में एक भी शिक्षक नहीं हैं। लेकिन प्रत्येक वर्ष यहां लगभग एक सौ छात्र-छात्राएं एडमिशन कराते हैं। और बिना पढ़े ही पास कर जाते हैं। सूत्रों की मानें तो छात्र सिर्फ यहां नामांकन कराते हैं। और पढ़ाई अन्यत्र करते हैं। लेकिन समय-समय पर विद्यालय के नियम का पालन करते हुए ग्यारहवीं और पुन: 12वीं की परीक्षा देने के लिए पहुंच जाते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर किस प्रकार बच्चे बिना पढ़ाई के पास कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि विभाग सब कुछ जानते हुए चुप्पी साधे है। इस सवाल पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक भी कुछ जबाव नहीं दे पा रहे हैं
कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी डा. ब्रजकिशोर सिंह
जिला में शिक्षकों की कमी के कारण अब तक उक्त विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। सरकार द्वारा जब नियुक्ति की जाएगी तो वहां भी शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
विद्यालय को अपना भवन एवं संसाधन होते हुए भी अब तक यह विद्यालय उपेक्षित है। सरकार ने करोड़ों रूपये की लागत से भवन तो तैयार करा दी लेकिन अब तक विज्ञान संकाय में एक अदद शिक्षक की नियुक्ति नहीं हो सकी है। जबकि कला संकाय में मात्र दो शिक्षक ही उपलब्ध है। इसमें भी एक शिक्षक लगातार प्रतिनियोजन पर ही रहते हैं। जिस पर विभाग का ध्यान नहीं जा रहा है। प्रत्येक वर्ष छात्रों का नामांकन तो हो रहा है लेकिन पढ़ाई अब भी विद्यालय से कोसो दूर है। स्थानीय लोगों द्वारा शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी का ध्यान इस ओर कई बार आकृष्ट कराया लेकिन नतीजा अब तक सिफर है।
लोगों के बीच चर्चा है कि विद्यालय में शिक्षकों के बीच गुटबाजी चरम पर है। जिसके कारण विद्यालय में पढ़ाई कम राजनीति ज्यादा हो रही है। ऐसे में अगर स्थानीय लोगों द्वारा शिक्षको पर पढ़ाई का दबाव बनाया जाता है तो कहीं न कहीं से किसी नेताओं का फोन ग्रामीणों के मोबाइल पर आना आरंभ हो जाता है। बताते चलें कि इस विद्यालय में विज्ञान संकाय में एक भी शिक्षक नहीं हैं। लेकिन प्रत्येक वर्ष यहां लगभग एक सौ छात्र-छात्राएं एडमिशन कराते हैं। और बिना पढ़े ही पास कर जाते हैं। सूत्रों की मानें तो छात्र सिर्फ यहां नामांकन कराते हैं। और पढ़ाई अन्यत्र करते हैं। लेकिन समय-समय पर विद्यालय के नियम का पालन करते हुए ग्यारहवीं और पुन: 12वीं की परीक्षा देने के लिए पहुंच जाते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर किस प्रकार बच्चे बिना पढ़ाई के पास कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि विभाग सब कुछ जानते हुए चुप्पी साधे है। इस सवाल पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक भी कुछ जबाव नहीं दे पा रहे हैं
कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी डा. ब्रजकिशोर सिंह
जिला में शिक्षकों की कमी के कारण अब तक उक्त विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। सरकार द्वारा जब नियुक्ति की जाएगी तो वहां भी शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे।
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