शिक्षा विभाग के सभी निदेशालयों में लोक शिकायत कोषांग का गठन किया जाएगा।
आम लोगों की शिकायतों को दूर करने में यह कोषांग मदद करेगा। विभागीय स्तर
पर बनने वाले कोषांग में नियंत्रण पदाधिकारी होंगे,जो लोगों की समस्याओं को
दूर करने में मदद करेंगे।
विभागीय स्तर पर बनने वाले लोक शिकायत कोषांग के गठन क्रियाकलाप को तय करने के लिए शुक्रवार को विभाग के प्रधान सचिव डाॅ.डीएस गंगवार की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में विभाग के सभी निदेशालय के निदेशकों को प्रधान सचिव ने निर्देश जारी किया कि लोक शिकायत कोषांग के गठन का प्रारूप तैयार किया जाए। इसमें जिला स्तर से लेकर निदेशालय तक शिकायतों के निपटारे की प्रक्रिया का निर्धारण किया जाए। विभाग का मानना है कि मध्याह्न भोजन योजना,पोशाक योजना,साइकिल योजना,शिक्षकों की उपस्थिति,स्कूल की स्थिति,निर्माण कार्यों में गड़बड़ी,मैट्रिक-इंटर अन्य प्रमाण पत्रों को निकालने में आने वाली परेशानी आदि के मामलों को लोग जिलास्तर तक उठाते हैं और उन्हें स्थानीय स्तर पर ही दबा दिया जाता है। इस कारण जिला से लेकर विभाग के स्तर तक लोक शिकायतों के निष्पादन की कवायद तेज हुई है। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के लागू होने के बाद इस प्रकार की व्यवस्था आवश्यक होगी। प्रधान सचिव ने कहा कि प्रभावी प्रणाली विकसित करने की जरूरत है,जो आम लोगों की हर शिकायतों का निपटारा कर उन्हें इसके बारे में सही जानकारी दे सके। जिलास्तर पर शिकायत कोषांग होगा। अगर लोगों की शिकायत का समाधान एक निर्धारित अवधि तक वहां नहीं हो पाता है तो लोग राज्य स्तरीय शिकायत कोषांग में अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। वहां निश्चित तौर पर उनकी समस्या का समाधान निर्धारित अवधि में किया जाएगा। निदेशालयों को निर्देश जारी किया गया है कि समस्या के समाधान के लिए समय अवधि का निर्धारण किया जाए। बैठक में प्राथमिक,माध्यमिक उच्च शिक्षा,जन शिक्षा,प्रशासन,शोध एवं प्रशिक्षण और प्लानिंग निदेशालय के निदेशक अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
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विभागीय स्तर पर बनने वाले लोक शिकायत कोषांग के गठन क्रियाकलाप को तय करने के लिए शुक्रवार को विभाग के प्रधान सचिव डाॅ.डीएस गंगवार की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में विभाग के सभी निदेशालय के निदेशकों को प्रधान सचिव ने निर्देश जारी किया कि लोक शिकायत कोषांग के गठन का प्रारूप तैयार किया जाए। इसमें जिला स्तर से लेकर निदेशालय तक शिकायतों के निपटारे की प्रक्रिया का निर्धारण किया जाए। विभाग का मानना है कि मध्याह्न भोजन योजना,पोशाक योजना,साइकिल योजना,शिक्षकों की उपस्थिति,स्कूल की स्थिति,निर्माण कार्यों में गड़बड़ी,मैट्रिक-इंटर अन्य प्रमाण पत्रों को निकालने में आने वाली परेशानी आदि के मामलों को लोग जिलास्तर तक उठाते हैं और उन्हें स्थानीय स्तर पर ही दबा दिया जाता है। इस कारण जिला से लेकर विभाग के स्तर तक लोक शिकायतों के निष्पादन की कवायद तेज हुई है। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के लागू होने के बाद इस प्रकार की व्यवस्था आवश्यक होगी। प्रधान सचिव ने कहा कि प्रभावी प्रणाली विकसित करने की जरूरत है,जो आम लोगों की हर शिकायतों का निपटारा कर उन्हें इसके बारे में सही जानकारी दे सके। जिलास्तर पर शिकायत कोषांग होगा। अगर लोगों की शिकायत का समाधान एक निर्धारित अवधि तक वहां नहीं हो पाता है तो लोग राज्य स्तरीय शिकायत कोषांग में अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। वहां निश्चित तौर पर उनकी समस्या का समाधान निर्धारित अवधि में किया जाएगा। निदेशालयों को निर्देश जारी किया गया है कि समस्या के समाधान के लिए समय अवधि का निर्धारण किया जाए। बैठक में प्राथमिक,माध्यमिक उच्च शिक्षा,जन शिक्षा,प्रशासन,शोध एवं प्रशिक्षण और प्लानिंग निदेशालय के निदेशक अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
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