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कैबिनेट की बैठक में 7 एजेंडों को मिली मंजूरी

पटना। बिहार में अब नगर निकाय और जिला परिषद के अप्रशिक्षित नियोजित, माध्यमिक और उच्चत्तर माध्यमिक शिक्षकों को तीन साल के भीतर ट्रेंड होना होगा। बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षक नियमावली संशोधन 2016 को मंजूरी दे दी।
इसके साथ ही ट्रेंड होने की अनिवार्यता को 6 साल से घटा कर 3 साल कर दिया गया। नए नियमों के मुताबिक ट्रेनिंग पूरा करने के बाद नियोजित शिक्षकों को कम से कम पांच साल तक नौकरी करनी होगी नहीं तो सरकार नियोजित शिक्षकों से प्रशिक्षण काल के दौरान मिलने वाले वेतन समेत अन्य भत्तों को वापस से सरकारी खजाने में जमा करा लेगी। जानकारी के अनुसार ट्रेनिंग कर के पांच साल तक नहीं की नौकरी तो वेतन समेत अन्य भत्तों को सरकार वापस लेगी। हालांकि, ट्रेंनिंग के दौरान शिक्षकों को पूरा वेतन मिलता रहेगा इसके लिए राज्य सरकार नियोजित शिक्षको से ट्रेनिंग कराने के पहले बांड भरवाएगी। नई नियमावली के तहत स्नातकधारी अभ्यर्थियों को पांच अंक का लाभ तभी मिल सकेगा, जब वे जिस विषय के लिए नियोजित हो रहे हैं उस विषय में स्नातक की डिग्री उनके पास हो। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में 7 एजेंडों को मंजूरी दी गई। राज्य सरकार ने हाट, बजार, मेला, बस स्टैंड की बंदोबस्ती कानून में भी फेर बदल किया है। एसडीओ से लेकर आयुक्तों तक की बंदोबस्ती राशि सीमा को बढ़ाया गया है. नये नियमों के मुताबिक एसडीओ 50 हजार, एडीएम 2 लाख, आयुक्त अधिकतम 5 लाख रुपए तक की बंदोबस्ती कर सकेंगे। कैबिनेट की बैठक में राजभाषा सहायक उर्दू संवर्ग नियमावली 2016, राज्य उर्दू अनुवादक संवर्ग नियमावली 2016 की भी मंजूरी दी गई।

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