'मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस' मोदी सरकार के बेहद अहम स्लोगन में से एक रहा है। लेकिन सरकार एक मार्च 2015 से अगले दो सालों में दो लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों को जोड़ने की तरफ है। हालांकि सरकार केंद्रीय सेवाओं में नई भर्तियों को लगभग रोक चुकी है।
एक मार्च 2015 को केंद्रीय सेवाओं में स्टाफ की संख्या 33.05 लाख थी जो 2016 तक बढ़कर 34.93 लाख हो गई। बजट 2016-17 के हिसाब से एक मार्च 2017 तक यह संख्या बढ़कर 35.23 हो जाएगी। यह आंकड़े रेलवे को मिलाकर हैं जिसने डिफेंस फोर्सेज को छोड़कर पिछले तीन सालों में अपनी स्ट्रेंथ 13,26,437 में एक भी वर्कर नहीं जोड़ा।
सबसे ज्यादा भर्तियां, करीब 70,000 रेवेन्यू डिपार्टमेंट में होंगी जिसमें इनकम टैक्स, कस्टम ऐंड एक्साइज शामिल हैं। इसके बाद सबसे अधिक भर्तियां, करीब 47000 पैरा मिलिट्री फोर्सेज में की जाएगी। पैरा मिलिट्री से अलग गृह मंत्रालय में भी 6000 लोगों की भर्ती की योजना है।
केंद्रीय सचिवालय में भी एक मार्च 2017 तक 301 कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी, इससे यहां स्ट्रेंथ 2015 के 900 के आंकड़े से बढ़कर 1201 हो जाएगी। सूचना प्रसारण मंत्रालय भी पिछले दो सालों में करीब 2200 कर्मचारियों को जोड़ा गया है।
सरकारी कर्मचारियों का प्रबंधन देखने वाले कार्मिक मंत्रालय ने भी पिछले दो सालों में 1800 कर्मचारियों की भर्ती की है। पिछले दो सालों में शहर विकास मंत्रालय ने 6000, खान मंत्रालय ने 4399 और अंतरिक्ष विभाग ने 1000 लोगों की भर्तियां की हैं।
हालांकि, रेवेन्यू डिपार्टमेंट के वेतन और भत्तों के वित्तीय आवंटन में कोई बड़ा अंतर नहीं है। कैडर रीस्ट्रक्चरिंग की धीमी प्रक्रिया के कारण विभाग कर्मचारियों की भर्ती नहीं कर पा रहा है। कई विभागों में तो कर्मचारियों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय, जिस पर सरकार का फोकस है, में 2015 की स्ट्रेंथ 538 से घटकर 472 रह गई है। विभागों में भर्तियों में उछाल की वजह ग्रुप बी और ग्रुप सी कर्मचारियों की कमी है, क्योंकि इन विभागों में पिछले कुछ सालों से भर्तियां ठप पड़ी है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
एक मार्च 2015 को केंद्रीय सेवाओं में स्टाफ की संख्या 33.05 लाख थी जो 2016 तक बढ़कर 34.93 लाख हो गई। बजट 2016-17 के हिसाब से एक मार्च 2017 तक यह संख्या बढ़कर 35.23 हो जाएगी। यह आंकड़े रेलवे को मिलाकर हैं जिसने डिफेंस फोर्सेज को छोड़कर पिछले तीन सालों में अपनी स्ट्रेंथ 13,26,437 में एक भी वर्कर नहीं जोड़ा।
सबसे ज्यादा भर्तियां, करीब 70,000 रेवेन्यू डिपार्टमेंट में होंगी जिसमें इनकम टैक्स, कस्टम ऐंड एक्साइज शामिल हैं। इसके बाद सबसे अधिक भर्तियां, करीब 47000 पैरा मिलिट्री फोर्सेज में की जाएगी। पैरा मिलिट्री से अलग गृह मंत्रालय में भी 6000 लोगों की भर्ती की योजना है।
केंद्रीय सचिवालय में भी एक मार्च 2017 तक 301 कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी, इससे यहां स्ट्रेंथ 2015 के 900 के आंकड़े से बढ़कर 1201 हो जाएगी। सूचना प्रसारण मंत्रालय भी पिछले दो सालों में करीब 2200 कर्मचारियों को जोड़ा गया है।
सरकारी कर्मचारियों का प्रबंधन देखने वाले कार्मिक मंत्रालय ने भी पिछले दो सालों में 1800 कर्मचारियों की भर्ती की है। पिछले दो सालों में शहर विकास मंत्रालय ने 6000, खान मंत्रालय ने 4399 और अंतरिक्ष विभाग ने 1000 लोगों की भर्तियां की हैं।
हालांकि, रेवेन्यू डिपार्टमेंट के वेतन और भत्तों के वित्तीय आवंटन में कोई बड़ा अंतर नहीं है। कैडर रीस्ट्रक्चरिंग की धीमी प्रक्रिया के कारण विभाग कर्मचारियों की भर्ती नहीं कर पा रहा है। कई विभागों में तो कर्मचारियों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय, जिस पर सरकार का फोकस है, में 2015 की स्ट्रेंथ 538 से घटकर 472 रह गई है। विभागों में भर्तियों में उछाल की वजह ग्रुप बी और ग्रुप सी कर्मचारियों की कमी है, क्योंकि इन विभागों में पिछले कुछ सालों से भर्तियां ठप पड़ी है।
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