बोकारो।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल
मरांडी ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट में पार्टी के धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम
में राज्य की भाजपा सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थानीय
और नियोजन नीति नहीं बनने से क्लर्क, शिक्षक, दारोगा समेत अन्य पदों पर
बंगाल, बिहार और यूपी के नौजवान बहाल हो रहे हैं जबकि प्रदेश के नौजवान भटक
रहे हैं, अब एेसा नहीं चलेगा।
बाहर के राज्यों के लोगों को नौकरी देना बंद करना होगा। नहीं तो सरकार
गद्दी छोड़ दे। झारखंड का गठन इसलिए हुआ था कि यहां के लोगों को अधिकार
मिले। लेकिन अब इसके लिए लड़ाई लड़नी होगी। सरकार मान गई तो ठीक नहीं तो यहां
से कोयला, लोहा और दूसरे खनिज पदार्थ बाहर नहीं जाने देंगे। मरांडी ने कहा
कि झारखंड में कारखाने बने, खदानें बनी, डैम बने, हमारे लोगों की जमीन गई,
हमारे लोग उजड़े बदले में यहां के लोगों को कुछ नहीं मिला।
आज हालत ये है कि यहां के लोग भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड
कोई धर्मशाला नहीं है कि कोई भी आए और यहां नौकरी कर ले। यहां के नौजवान
दूसरे राज्यों में नौकरी को जाते हैं तो उन्हें भगा दिया जाता है। यह
अन्याय है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। 15 साल में हजारों
बहालियां हुई हैं। लेकिन अगर प्रतिशत देखा जाए तो झारखंड के युवकों की
संख्या बहुत कम है। कार्यक्रम में झारखंड दिशोम पार्टी भी शामिल थी। इसके
पहले मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने छह सूत्री मांगों का ज्ञापन कलेक्ट्रेट
में जाकर सौंपा।
1. सभी परिवारों को राशन कार्ड का वितरण हो
2. सभी को केरोसिन तेल उपलब्ध कराया जाए
3. झारखंड की सारी नौकरियों को 20 वर्ष तक आरक्षित करो, स्थानीय एवं नियोजन नीति घोषित करो
4. किसानों को धान का उचित मूल्य मिले
5. विस्थापितों को नियोजन दो
6. ब्लाक में व्याप्त भ्रष्टाचार और लूट-खसोट बंद करो
झाविमो सुप्रीमो ने कहा कि प्रदेश की सरकार गरीबों को राशन और केरोसिन देने में विफल है। मगर बात मेक इन इंडिया की कर रही है। 2013 में खाद्य सुरक्षा कानून बना, लेकिन ढाई साल बाद भी लोगों के राशन कार्ड नहीं बने। भाजपा नाटक करती है और इसके नेता जनता को धोखा देने का काम करते हैं। बार-बार कहते हैं कि राशन कार्ड बना देंगे। मगर राशन कार्ड नहीं बनाते। साल भर से रघुवर सरकार कह रही है कि राशन कार्ड बन रहा है।
2. सभी को केरोसिन तेल उपलब्ध कराया जाए
3. झारखंड की सारी नौकरियों को 20 वर्ष तक आरक्षित करो, स्थानीय एवं नियोजन नीति घोषित करो
4. किसानों को धान का उचित मूल्य मिले
5. विस्थापितों को नियोजन दो
6. ब्लाक में व्याप्त भ्रष्टाचार और लूट-खसोट बंद करो
झाविमो सुप्रीमो ने कहा कि प्रदेश की सरकार गरीबों को राशन और केरोसिन देने में विफल है। मगर बात मेक इन इंडिया की कर रही है। 2013 में खाद्य सुरक्षा कानून बना, लेकिन ढाई साल बाद भी लोगों के राशन कार्ड नहीं बने। भाजपा नाटक करती है और इसके नेता जनता को धोखा देने का काम करते हैं। बार-बार कहते हैं कि राशन कार्ड बना देंगे। मगर राशन कार्ड नहीं बनाते। साल भर से रघुवर सरकार कह रही है कि राशन कार्ड बन रहा है।
जो राशन कार्ड बन रहा है उसमें भारी त्रुटियां हैं। कहीं माता-पिता का
नाम छूट गया है तो कहीं बच्चों का। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर
मुंबई में जाकर उद्यमियों को आमंत्रित कर रहें हैं कि झारखंड में आकर
उद्योग लगाएं। लेकिन गरीबों का दर्द नहीं समझ रहे। पहले झारखंड बनाएं तब
मेक इन इंडिया की बात करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला संयोजक डॉ.
सुरेंद्र राज ने की।
कार्यक्रम को आदिवासी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुंदेश्वर मुंडा, रमेश
राही, देवीलाल मिश्र, काशीनाथ सिंह, बसंती मुंडा, मंतोष, रामलाल, संतोष,
आरिज, जय नारायण, मुखलाल हेंब्रम, आजाद अंसारी, मनोज और दिलीप आदि ने भी
संबोधित किया। कार्यक्रम में दिलीप बाउरी के नेतृत्व में झामुमो छोड़कर कई
कार्यकर्ता झाविमो की सदस्यता ग्रहण की।
धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी।
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धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी।