बक्सर। निगरानी जांच के अंतर्गत 15 फरवरी
तक शिक्षकों के अभिलेख नहीं देने वाली नियोजन इकाइयों पर प्राथमिकी दर्ज
करने का आदेश सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को दिए जाने के बाद भी उनके
द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं कराने पर उनका वेतन बंद कर दिया गया।
साथ ही स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया गया। शुक्रवार को समाहरणालय में हुई शिक्षा विभाग की बैठक में जिलाधिकारी रमण कुमार ने इस आशय का फरमान सुनाया। वहीं, संगीत शिक्षकों की बहाली नहीं किए जाने पर उन्होंने जिला परिषद व नगर परिषद अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी द्वारा शिक्षा विभाग की समीक्षा की गयी। इस दौरान सबसे पहले निगरानी तहत शिक्षकों के अभिलेखों की हो रही जांच की समीक्षा हुई। इसमें डीपीओ स्थापना विनायक पांडेय द्वारा स्थिति स्पष्ट किए जाने के उपरांत कि अभी तक बहुतेरे शिक्षकों के फोल्डर आने बाकी है, डीएम ने संबंधित प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का वेतन बंद करने तथा इस मामले में उनसे स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया। डीपीओ स्थापना का कहना था कि लगभग हर प्रखंड की कुछेक नियोजन इकाइयों द्वारा फोल्डर जमा नहीं किया गया है। ऐसे में सभी बीईओ का वेतन बंद कर दिया गया और उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गयी। बैठक में शिक्षक नियोजन की भी समीक्षा हुई। डीपीओ ने बताया कि इसके अंतर्गत उर्दू शिक्षकों के लिए जितने आवेदन आये थे और जो रिक्तियां थी, उसके एवज में बहाली कर दी गयी। शेष जो पद रिक्त रह गये उनके लिए आवेदन नहीं थे और जो आवेदन थे उस कोटि के तहत पद रिक्त नहीं थे। ऐसे में उन पदों पर बहाली नहीं हुई। डीपीओ द्वारा संगीत शिक्षकों की बहाली नगर परिषद व जिला परिषद द्वारा नहीं किए जाने पर उन्होंने नगर परिषद व जिला परिषद से बहाली नहीं होने के कारणों के बाबत रिपोर्ट तलब की। शिक्षकों के भुगतान के बारे में कहा गया कि जिन नियोजित शिक्षकों का भुगतान लटका है उनका आवंटन विभाग में मौजूद नहीं है। आवंटन आते ही भुगतान कर दिया जाएगा। जबकि, जिन शिक्षकों का भुगतान ट्रेजरी के माध्यम से किया जाता है, उनका भुगतान किया जाएगा। बैठक में लेखा योजना व सर्वशिक्षा अभियान की भी समीक्षा की गयी तथा आवश्यक निर्देश दिए गये। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ओंकारनाथ ¨सह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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साथ ही स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया गया। शुक्रवार को समाहरणालय में हुई शिक्षा विभाग की बैठक में जिलाधिकारी रमण कुमार ने इस आशय का फरमान सुनाया। वहीं, संगीत शिक्षकों की बहाली नहीं किए जाने पर उन्होंने जिला परिषद व नगर परिषद अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी द्वारा शिक्षा विभाग की समीक्षा की गयी। इस दौरान सबसे पहले निगरानी तहत शिक्षकों के अभिलेखों की हो रही जांच की समीक्षा हुई। इसमें डीपीओ स्थापना विनायक पांडेय द्वारा स्थिति स्पष्ट किए जाने के उपरांत कि अभी तक बहुतेरे शिक्षकों के फोल्डर आने बाकी है, डीएम ने संबंधित प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का वेतन बंद करने तथा इस मामले में उनसे स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया। डीपीओ स्थापना का कहना था कि लगभग हर प्रखंड की कुछेक नियोजन इकाइयों द्वारा फोल्डर जमा नहीं किया गया है। ऐसे में सभी बीईओ का वेतन बंद कर दिया गया और उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गयी। बैठक में शिक्षक नियोजन की भी समीक्षा हुई। डीपीओ ने बताया कि इसके अंतर्गत उर्दू शिक्षकों के लिए जितने आवेदन आये थे और जो रिक्तियां थी, उसके एवज में बहाली कर दी गयी। शेष जो पद रिक्त रह गये उनके लिए आवेदन नहीं थे और जो आवेदन थे उस कोटि के तहत पद रिक्त नहीं थे। ऐसे में उन पदों पर बहाली नहीं हुई। डीपीओ द्वारा संगीत शिक्षकों की बहाली नगर परिषद व जिला परिषद द्वारा नहीं किए जाने पर उन्होंने नगर परिषद व जिला परिषद से बहाली नहीं होने के कारणों के बाबत रिपोर्ट तलब की। शिक्षकों के भुगतान के बारे में कहा गया कि जिन नियोजित शिक्षकों का भुगतान लटका है उनका आवंटन विभाग में मौजूद नहीं है। आवंटन आते ही भुगतान कर दिया जाएगा। जबकि, जिन शिक्षकों का भुगतान ट्रेजरी के माध्यम से किया जाता है, उनका भुगतान किया जाएगा। बैठक में लेखा योजना व सर्वशिक्षा अभियान की भी समीक्षा की गयी तथा आवश्यक निर्देश दिए गये। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ओंकारनाथ ¨सह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।