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गुरु बनने में ठगे जा चुके दो लाख लोग

बांका । इसे बेरोजगारी की इंतहा ही समझिए कि नौकरी के फर्जी आवेदन पर भी लाखों लाख लोग लूटने को तैयार हैं। बांका में एक संस्था ने अभी छात्रों को लूटने का ऐसा ही एक गोरखधंधा चला रखा है। मानव अधिकार सेवा शक्ति नामक संगठन के इस फार्म को बांका में अब तक दो लाख से अधिक लोग भर चुके हैं।
इसके लिए जिला के सभी डाकघर और फार्म काउंटर पर दिन भर आवेदकों की भीड़ लगी हुई है। डाकघर में इतनी संख्या में आवेदन आ रहा है कि कर्मियों की हालत खराब है। हालत यह कि यह संगठन मैट्रिक पास लोगों को ही पंचायत शिक्षक बनाने का दावा कर रहा है। करीब 17 हजार की भर्ती में नन मैट्रिक से लेकर स्नातक तक का जुगाड़ लगा रखा है। स्नातक पास आवेदक को जिला प्रबंधक और इंटर पास को प्रखंड का सर्वे अधिकारी बनाया जा रहा है।
हर फार्म पर दो सौ रूपये का खर्च
मानव अधिकार सेवा शक्ति के इस आवेदन में दस तरह का आवेदन है। हर फार्म भरने में सौ रूपया से अधिक का खर्च आ रहा है। फार्म के साथ पांच से 25 रूपया के टिकट वाला दो लिफाफा भी मांग रहा है। इस आवेदन का मुख्य मकसद इसी टिकट को जमा कर लाखों की आमदनी करना है। बांका में ही अब तक दो लाख आवेदन पर लाखों की राशि का चूना आवेदकों को लगाया जा चुका है।
मुखिया की भी बल्ले-बल्ले
इस आवेदन में मुखिया का एक प्रमाण पत्र संलग्न करना है। जिमसें छात्र को उसके जानने की जानकारी देनी है। इसके लिए सभी मुखिया के घर सुबह-सुबह आवदेकों की भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में अधिकांश मुखिया ने एक-दो लोगों को इसका प्रमाण पत्र देने को तैनात कर रखा है। वहां आवेदकों से लेटर पैड खर्च के नाम पर कम से कम साौ रूपया वसूला जा रहा है। दो लाख आवेदन जमा होने पर मुखियाजी की आमदनी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
प्रशिक्षित ही अब बनेंगे शिक्षक
शिक्षा अधिकार कानून प्रभावी हो जाने के कारण अब कोई भी शिक्षक बिना बीएड या प्रशिक्षण की डिग्री के नहीं बनता है। ऐसे में मैट्रिक पास को शिक्षक बनाना लूटने के सिवा कुछ नहीं है। शिक्षक बहाली की चल रही प्रक्रिया बिहार सरकार या केंद्र सरकार के ही अधीन होता है।
क्या कहते हैं फार्म विक्रेता
शहर के एक फार्म विक्रेता मोनू ने बताया कि पिछले दस दिन में उसने 36 हजार फार्म बेचा है। खुद छात्रों से नौ हजार फार्म जमा लेकर पटना के पते पर पहुंचाया है। इस जगह आसपास की हर दुकान से ही दो लाख से अधिक फार्म बिक चुका है। उसके मुताबिक लोगों की मांग पर नेट पर फार्म निकाल इसे बाजार में उपलब्ध कराया। अब यह नकली है या असली उसे इसकी जानकारी नहीं है।
क्या कहते हैं डाकपाल
प्रधान डाकघर के डाकपाल सुनील कुमार सुमन ने बताया कि केवल प्रधान डाकघर में पिछले दिस दिन से रोजाना करीब हजार फार्म इसके आ रहा है। इस फार्म की भीड़ के चलते प्रधान डाकघर का कई काम प्रभावित है। सुबह से देर रात तक इसके लिए यहां भीड़ लगी हुई है।
क्या कहते हैं जिलाधिकारी

जिलाधिकारी डा.निलेश देवरे ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। जानकारी मिली है तो वे इसे अविलंब दिखवा लेंगे। आवेदक खुद भी ऐसे फर्जी आवेदने से बचें। ऐसे फर्जी फार्म बेचने वालों को भी नहीं बख्सा जाएगा।
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